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    अकेले में मिलने का बनाता है दवाब, करता है अपमान ! जीबी पंत अस्पताल की नर्सों ने अधिकारी के खिलाफ खोला मोर्चा

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 08:59 PM (IST)

    जीबी पंत अस्पताल की नर्सों ने अस्पताल प्रशासन के एक अधिकारी पर दुर्व्यवहार और अकेले में मिलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। नर्सेज एसोसिएशन ने कहा कि शिकायत करने पर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई। एसोसिएशन की अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो नर्सें काम बंद कर देंगी। इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी के प्रतिष्ठित जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जीआइपीएमईआर) अस्पताल की नर्सों ने अस्पताल के एक अधिकारी पर दुर्व्यवहार करने और अकेले में मिलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

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    नर्सेज एसोसिएशन ऑफ जीआइपीएमईआर का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन का एक अधिकारी नर्सों पर अकेले में मिलने के लिए दबाव डालता है, उनके साथ अनुचित व्यवहार करता है। और जब पीड़ित नर्सों ने इसकी लिखित शिकायत की तो उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया गया। अस्पताल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

    उल्टे एसोसिएशन को कार्यालय खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया। इससे नर्सों में आक्रोश है और उन्होंने इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया हुआ है, साथ ही सेवाएं ठप करने की चेतावनी दी है। अस्पताल में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। नर्सों का धैर्य जवाब दे रहा है। जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं पर विपरीत प्रभाव पड़ने से मरीजों पर इसका सीधा पड़ेगा।

    नर्सेज एसोसिएशन ऑफ जीआइपीएमईआर की अध्यक्ष जेसिमानी केटी ने बताया कि इससे नाराज नर्सों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने इसे प्रशासनिक दमन बताते हुए आंदोलन और कार्य ठप करने की चेतावनी दी है। कहाकि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं बल्कि पूरी नर्सिंग सेवा की गरिमा और सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।

    आरोप लगाया कि शिकायत के बाद भी दोषी अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है और पीड़ितों पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। कहाकि नर्सों को ड्यूटी के दौरान भी अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ता है। उनसे बार-बार अकेले में बुलाकर बात की जाती है, दबाव डाला जाता है।

    एसोसिएशन अध्यक्ष जेसिमानी केटी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उत्पीड़न के मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो नर्सें कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगी। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

    कहा कि नर्सें अस्पताल की रीढ़ हैं, यदि उनका मनोबल टूटेगा तो स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी। इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डा. पंकज सिनह तथा अस्पताल के स्वास्थ्य निदेशक डा. एमए गिलानी को फोन कर तथा संदेश भेज कर मामले पर उनकी प्रतिक्रिया चाही गई तो उन्होंने समाचार लिखे जाने तक कोई भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

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