मौलिक कर्तव्य हर नागरिक की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी: स्वप्ना नायर
स्वतंत्रता दिवस केउपलक्ष्य में अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल ने शाहदरा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सहयोग से क्या मौलिक कर्तव्यों को कानून की अदालत में लागू किया जाना चाहिए? विषय पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली:
स्वतंत्रता दिवस केउपलक्ष्य में अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल ने शाहदरा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सहयोग से 'क्या मौलिक कर्तव्यों को कानून की अदालत में लागू किया जाना चाहिए?' विषय पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया।
प्रतियोगिता में देश-विदेश (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, केरल, नाइजीरिया, ओमान, दोहा, मस्कट, दुबई) के विभिन्न विद्यार्थियों ने विषय के पक्ष व विपक्ष में अपना मत रखते हुए पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान एनसी जिदल पब्लिक स्कूल की छात्रा निहारिका अरोड़ा, द्वितीय स्थान इंडियन लैंग्वेज स्कूल (नाइजीरिया) के छात्र मानस अग्रवाल, तृतीय स्थान-एनसी जिदल पब्लिक स्कूल के छात्र लवम गुलाटी व सांत्वना पुरस्कार रिचमंड ग्लोबल स्कूल के छात्र अथर्व वर्मा व इंडियन लैंग्वेज स्कूल (नाइजीरिया) की छात्रा सारा अब्राहम ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर डीएलएसए शाहदरा की सचिव विधि गुप्ता आनंद ने विद्यार्थियों को मौलिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का पालन करना हर व्यक्ति का अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान है। वहीं, कार्यक्रम आयोजक व प्रधानाचार्या स्वप्ना नायर ने कुछ पंक्तियां पढ़ते हुए कहा 'न पूछें कि आपका देश आपके लिए क्या नहीं कर सकता, पूछें कि आप अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि मौलिक कर्तव्य हर नागरिक की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। जिसे उसे देश के प्रति निभाना चाहिए और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों के लिए विनम्र और वफादार होना चाहिए।
इस मौके पर जेबीएम ग्लोबल स्कूल की निदेशक नलिनी बहल, आधारशिला ग्लोबल स्कूल की प्रधानाचार्या रोजमेरी गायकवाड़, अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक अरुणा शर्मा अरुण शर्मा आदि मौजूद रहे।
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