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    जेएनयू में एबीवीपी का मुफ्त क्रैश कोर्स, सीयूईटी-पीजी और यूजीसी-नेट छात्रों को मिलेगा लाभ

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 08:01 PM (IST)

    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जेएनयू में सीयूईटी-पीजी और यूजीसी-नेट अभ्यर्थियों के लिए मुफ्त क्रैश कोर्स शुरू करेगी। आर्थिक रूप से कमजोर छात् ...और पढ़ें

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    जेएनयू में एबीवीपी का मुफ्त क्रैश कोर्स।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में प्रवेश की तैयारी कर रहे छात्रों और यूजीसी-नेट अभ्यर्थियों के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बड़ी पहल की है।

    एबीवीपी की जेएनयू इकाई ने सीयूईटी-पीजी के माध्यम से परास्नातक में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों तथा यूजीसी-नेट/जेआरएफ की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए निःशुल्क क्रैश कोर्स की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर और दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन उपलब्ध कराना है।

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    एबीवीपी की ओर से यह क्रैश कोर्स डिजिटल माध्यम से संचालित किया जाएगा, जिसमें विषय विशेषज्ञों, जेएनयू के शोधार्थियों और यूजीसी-नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण छात्रों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, हिंदी, अर्थशास्त्र, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, अंग्रेजी सहित विभिन्न विषयों में सीयूईटी-पीजी की तैयारी कराई जाएगी। अभ्यर्थियों को अध्ययन सामग्री, नियमित आनलाइन कक्षाएं, नोट्स, पूर्व वर्षों के प्रश्नपत्र, रिकार्डेड वीडियो और टेस्ट सीरीज उपलब्ध कराई जाएंगी।

    छात्रों की सुविधा के लिए एबीवीपी ने इस क्रैश कोर्स हेतु केंद्रीयकृत हेल्पलाइन नंबर 9898636395 और 6200298902 जारी किए हैं, जिन पर छात्र किसी भी प्रकार की जानकारी और सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं। एबीवीपी प्रत्येक वर्ष सीयूईटी-पीजी और यूजीसी-नेट की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए ऐसे क्रैश कोर्स आयोजित करती आ रही है और इस वर्ष भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाया गया है।

    एबीवीपी जेएनयू इकाई अध्यक्ष मयंक पांचाल ने कहा कि संगठन विगत कई वर्षों से जेएनयू में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के लिए निःशुल्क क्रैश कोर्स आयोजित कर रहा है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर और सुदूर क्षेत्रों के छात्रों को सही दिशा और मार्गदर्शन मिल सके। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष आयोजित क्रैश कोर्स से विभिन्न विषयों के लगभग एक हजार छात्र जुड़े थे।