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    लालू यादव के बेहद करीबी बिहार के पूर्व MP मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन, कोरोना संक्रमित थे

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sat, 01 May 2021 02:38 PM (IST)

    Mohammad Shahabuddin Death News बिहार के पूर्व सांसद और राजद के दबंग नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (Deendayal Upadhyay Hospital) में भर्ती थी। शनिवार को उनका निधन हो गया। वह बिहार की सिवान लोकसभा सीट से सांसद थे।

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    कोरोना पीड़ित बिहार के पूर्व MP मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन, लालू प्रसाद यादव के थे बेहद करीबी

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता/एएनआइ। कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए बिहार के बाहुबली नेता और राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का शनिवार को निधन हो गया। मिली जानकारी के मुताबिक, तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के सीवान से राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। तिहाड़ जेल संख्या दो में बंद शहाबुद्दीन का पहले जेल परिसर स्थित अस्पताल में इलाज किया गया, लेकिन हालत में सुधार होता नहीं देख उन्हें हरि नगर स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में 20 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। यहां गहन चिकित्सा इकाई में लगातार उसका उपचार चल रहा था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। दिल्ली की जेलों में इस वर्ष कोरोना संक्रमण से होने वाली यह पांचवीं मौत है। पिछले वर्ष भी दो कैदियों की संक्रमण ने जान ली थी। बता दें कि शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल संख्या दो में बंद थे। इसी जेल में बंद कुख्यात बदमाश छोटा राजन भी कोरोना की चपेट में है। फिलहाल छोटा राजन का उपचार एम्स में चल रहा है।

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    दीन दयाल  उपाध्याय अस्पताल (डीडीयू) आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित मोहम्मद शहाबुद्दीन 20 अप्रैल से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार को उनका निधन हो गया।  इससे पहले इलाज के लिए भर्ती बिहार के सिवान लोकसभा से पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बारे में कहा जा रहा था कि कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल उनकी हालत बेहद गंभीर है, लेकिन अब उनका निधन हो गया।

    वहीं, इससे पहले शनिवार सुबह से समाचार एजेंसी एएनआइ के ट्वीट के बाद इंटरनेट मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैली कि बिहार के दबंद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में निधन हो गया। वहीं, कुछ देर बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत की खबरों को अफवाह करार दिया। जेल प्रशासन ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को अफवाह बताया गया। जेल प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पूर्व सांसद दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (Deendayal Upadhyay Hospital) में भर्ती हैं। मरीज की हालत गंभीर है और इलाज जारी है। इस बीच समाचार एजेंसी ने मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत की खबर ट्वीट करने पर माफी मांगी थी। फिलहाल उनकी पूर्व सांसद की मौत हो गई।

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    इससे पहले शुक्रवार शाम को भी बिहार के इस नेता के निधन की अफवाह उड़ी थी। वहीं, शनिवार सुबह समाचार एजेंसी एएनआइ ने ट्वीट कर मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन की जानकारी दी, लेकिन कुछ ही देर बाद ही तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने निधन की पुष्टि से इनकार किया था।

    वहीं, दोपहर बाद संदीप गोयल ने बताया कि उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल से जानकारी दी गई है कि मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान मौत हो गई है।  उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद शहाबुद्दीन को 20 अप्रैल को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

    यहां पर बता दें कि 10 मई 1967 को बिहार में जन्में मोहम्मद शहाबुद्दीन का अपराध से बेहद गहरा नाता रहा था। बावजूद वह राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख नेताओं में से एक रहे थे। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे। यहां पर यह बताना जरूरी है कि 30 अगस्त 2017 को पटना उच्च न्यायालय ने सिवान हत्या के मामले में मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद वह लगातार जेल की सलाखों के पीछे रहे थे।

    उधर, तिहाड़ जेल से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, मोहम्मद शहाबुद्दीन जेल संख्या दो के हाई सिक्याेरिटी सेल में कड़ी सुरक्षा के बीच थे। नियमानुसार भी इनके पास किसी भी बाहरी व्यक्ति को बिना समुचित जांच के जाने नहीं दिया जाता है। जेल के चुनिंदा कर्मी ही इनसे मुलाकत करते हैं। इनसे मिलने वालों को समय समय पर कोरोना जांच की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है, बावजूद पूर्व सांसद कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इस जानकारी के बाद अब जेल संख्या दो परिसर में बंद अन्य कैदियों की कोरोना जांच बड़े पैमाने पर की जा रही है।

    इस दौरान तिहाड़ जेल में जिसके भी लक्षण नजर आ रहे हैं उसे तत्काल दूसरे कैदियों से अलग किया जा रहा है। भले ही जांच के नतीजे बाद में आएं लेकिन उसे अलग करने की प्रक्रिया लक्षण नजर आते ही शुरू कर दिया जाता है। यहां की डिस्पेंसरी में चिकित्सकों को कोरोना के बढ़ रहे मामलों के कारण अधिक से अधिक जांच करने को कहा गया है।