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    वन विभाग ने की रक्षा मंत्रालय पर कार्रवाई की सिफारिश, दिल्ली कैंट में पेड़ काटने और जमीन की खुदाई का मामला

    By sanjeev GuptaEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Fri, 20 Jan 2023 04:16 AM (IST)

    बिना अनुमति मोरफोलॉजिकल रिज क्षेत्र में मेस और कैंप बनाने के लिए जमीन की खोदाई करने और पेड़ काटने पर वन विभाग ने रक्षा मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय पर कार्रवाई की सिफारिश की है। सांकेतिक तस्वीर।

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    वन विभाग ने की रक्षा मंत्रालय पर कार्रवाई की सिफारिश।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। बिना अनुमति मोरफोलॉजिकल रिज क्षेत्र में मेस और कैंप बनाने के लिए जमीन की खोदाई करने और पेड़ काटने पर वन विभाग ने रक्षा मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय पर कार्रवाई की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर 50 लाख से पांच करोड़ रुपये तक जुर्माना भी किया जा सकता है।

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    जानकारी के मुताबिक, इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय (रक्षा मंत्रालय) ने वन विभाग को नवंबर, 2022 में एक प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में दिल्ली कैंट के मेहरामनगर के सर्वे नं. 176 में एक आफिस काम्प्लेक्स, मेस और कैंप बनाने के लिए अनुमति मांगी गई थी। प्रस्ताव में 4.28 हेक्टेयर जमीन पर यह कार्य करने करने की जानकारी भी दी गई थी।

    इस संबंध में जब वन विभाग और आइडीएस मुख्यालय स्टाफ की संयुक्त टीम ने प्रस्तावित साइट का दौरा किया, तो पता चला कि 1.2 हेक्टेयर जमीन पर पांच फीट तक खोदाई हो चुकी है और बाकी जमीन की मिट्टी भी क्षतिग्रस्त है। 17 पेड़ भी उखाड़ दिए गए, जो द दिल्ली प्रिजर्वेशन आफ ट्रीज (डीपीटीए) एक्ट-1994 का उल्लंघन है। वन विभाग की टीम ने रिज मैनेजमेंट बोर्ड (आरएमबी) को इसकी सूचना दी। आरएमबी की बोर्ड बैठक में डीआइएस का प्रस्ताव दो शर्तों के साथ सीईसी को अग्रसारित कर दिया गया। पहली शर्त यह कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत की पांच प्रतिशत राशि आरएमबी के फंड में जमा कराई जाए। दूसरी शर्त यह कि डीपीटीए एक्ट के अंतर्गत डीआइएस पर यथोचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

    सूत्रों के मुताबिक आरएमबी की अनुशंसा पर सीईसी ने भी इस मसले में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। रिपोर्ट में कार्रवाई और जुर्माने की सिफारिश भी की गई है। सूत्र बताते हैं कि डीआइएस पर 50 लाख से पांच करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वन एवं वन्यजीव विभाग, दिल्ली सरकार के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सीडी सिंह ने कहा कि बिना अनुमति जमीन की खोदाई और पेड़ काटने के मामले में यूजर एजेंसी के खिलाफ सीईसी को डीपीटीए एक्ट-1994 के तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई है। अब सीईसी ही इस संबंध में कार्रवाई तय करेगी।

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