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    दिल्ली में कैंसर से डायबिटीज तक नकली दवाओं का जाल उजागर, तीन साल में 42 करोड़ की फर्जी दवाएं जब्त

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 07:46 PM (IST)

    दिल्ली में कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों की नकली दवाओं का भंडाफोड़ हुआ है। पिछले तीन वर्षों में 42 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की गई हैं। यह जाल ...और पढ़ें

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    अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नकली दवाओं का अवैध कारोबार तेजी से संगठित अपराध बनता जा रहा है। कम जोखिम और अधिक मुनाफे के कारण यह धंधा माफिया नेटवर्क के लिए आकर्षक बन गया है। दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पिछले तीन वर्षों में 45 करोड़ रुपये से अधिक की नकली दवाएं पकड़ी गई हैं। इनमें कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज, किडनी और एंटीबायोटिक जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं को नामी कंपनियों की तरह पैक कर बाजार में उतारा जाता है, जिससे मरीज आसानी से ठगे जाते हैं और उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।

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    आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 में जांच के दौरान 1,183 दवा सैंपल अमानक पाए गए, जिनमें से 400 पूरी तरह नकली थे। इसके बावजूद राजधानी में दवा जांच के लिए न तो पर्याप्त प्रयोगशालाएं हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। विशेषज्ञों का कहना है कि नकली दवाओं के मामलों में सजा की दर कम और कानूनी प्रक्रिया लंबी होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। कई मामलों में आरोपी जमानत पर छूटकर फिर से इसी धंधे में लग जाते हैं।

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि दवा आपूर्ति श्रृंखला की सख्त निगरानी, आधुनिक लैब, कड़े कानून और त्वरित सजा की व्यवस्था की जाए। साथ ही आम लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है, क्योंकि नकली दवाओं का यह कारोबार सीधे जनस्वास्थ्य पर हमला है।

    पिछले तीन सालों में बड़ी बरामदगी

    • दिसंबर 2025: नकली लोशन (बेटनोवेट-सी, क्लोप-जी आदि) पकड़े गए लोनी से, कीमत अनुमानित 2.3 करोड़।
    • अक्टूबर 2025: नकली ईएनओ एंटासिड (91,257 सैशे व कच्चा माल) पकड़ी गई (इब्राहिमपुर, उत्तर दिल्ली से), कीमत अनुमानित दो करोड़।
    • जुलाई-अगस्त 2025: जीवनरक्षक दवाओं (अल्ट्रासेट, आगमेंटिन आदि) के 1.1 लाख से अधिक नकली टैबलेट पकड़ी गई (सिविल लाइंस दिल्ली, फैक्टरियां हरियाणा में), कीमत अनुमानित पांच करोड़ ।
    • जुलाई 2025: बिना लाइसेंस दवाएं (ओमेप्राजोल, ग्लिमेपिराइड आदि) का स्टाक पकड़ा गया (पश्चिम विहार से), कीमत 1.3 करोड़ से अधिक।
    • जून 2025: नकली एंटी-कैंसर दवाएं (ओप्डिवो, कीट्रूडा आदि) पकड़ी गईं (लक्ष्मी नगर, भगीरथ पैलेस, बुद्ध विहार क्षेत्रों से), कीमत अनुमानित सात करोड़।
    • मार्च 2024: नकली टैबलेट/कैप्सूल (अल्ट्रासेट, अमराइल आदि) के 3.4 लाख टैबलेट पकड़े गए (भगीरथ पैलेस और संबंधित क्षेत्रों से), कीमत अनुमानित चार करोड़।
    • मार्च 2024: नकली एंटी-कैंसर इंजेक्शन (कीट्रूडा आदि) पकड़े गए (मोती नगर, पश्चिम दिल्ली के फ्लैट्स से), कीमत 14 करोड़ से अधिक।
    • दिसंबर 2023: नकली/सबस्टैंडर्ड दवाएं (एंटी-एपिलेप्सी, एंटीबायोटिक आदि) दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई (विभिन्न अस्पतालों से सैंपल), कीमत अनुमानित चार करोड़ (प्रोक्योरमेंट वैल्यू आधारित)।
    • अगस्त 2023: नकली दवाएं (रेपुटेड ब्रांड्स की) पकड़ी गईं (चांदनी चौक बाजार के बागड़ी मार्केट, अनलाइसेंस्ड प्रेमिसेस से), कीमत अनुमानित दो करोड़।

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