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    फर्जी Booking.com वेबसाइट बनाकर अमेरिकी नागरिक से 57 हजार की ठगी, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने आरोपी को किया गिरफ्तार

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 04:27 AM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसने फर्जी Booking.com वेबसाइट बनाकर एक अमेरिकी नागरिक से 57 हजार रुपये की ठगी की। आरोपी ने ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नकली “बुकिंग डाट काॅम” वेबसाइट बनाकर एक अमेरिकी नागरिक से होटल बुकिंग के नाम पर 57 हजार रुपये ठगी करने के मामले में क्राइम ब्रांच ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है।

    पुलिस को शक है कि आरोपित असली बुकिंग डाट कॉम और अन्य सर्विस प्लेटफार्म का कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बनकर कई पीड़ितों को शिकार बना चुका है। उसके पास से बरामद मोबाइल नंबर राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 29 शिकायतों से जुड़े पाए गए। आरोपित ने बुकिंग और रिफंड में मदद के बहाने पीड़ितों से संपर्क कर शिकार बनाया।

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    बिहार का रहने वाला है आरोपी

    डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम प्रतोष कुमार है। वह शेखपुरा, बिहार का रहने वाला और 12वीं पास है। वह आनलाइन सर्विस प्लेटफार्म के अधिकृत प्रतिनिधि बनकर पीड़ितों को धोखा देने के लिए कई मोबाइल और एक नकली आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था।

    ठगी की रकम उसके क्रेडिट कार्ड पेमेंट में ट्रेस की गई। वह छह साल से साइबर ठगी के मामले में सक्रिय रूप से शामिल था। उसके घर से तीन मोबाइल मिले हैं जिनमें डिजिटल साक्ष्य, ठगी के लिए इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक वाट्स एप चैट शामिल हैंं। जांच से पता चला कि आरोपित ने ठगी की राशि का इस्तेमाल अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने के लिए किया था।

    कुछ माह पहले की थी शिकायत

    पुलिस अधिकारी का कहना है कि कुछ माह पहले एक अमेरिकी नागरिक से पहाड़गंज में होटल बुकिंग कराने के बहाने उनसे 57 हजार ठगी करने की शिकायत की थी। मेल के जरिये दिल्ली पुलिस को शिकायत की गई थी। जिसकी जांच करते हुए क्राइम ब्रांच के एसीपी अनिल शर्मा की टीम ने जांच के बाद रविवार को प्रतोष कुमार को उसके पैतृक घर शेखपुरा, बिहार से गिरफ्तार किया।

    आरोपित ने बुकिंग डाट कॉम का असली एग्जीक्यूटिव बनकर कई पीड़ितों से ओटीपी व यूपीआइ तरीकों का दुरुपयोग किया। कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बनकर उसने पीड़ितों से संवेदनशील जानकारी प्राप्त की और अवैध तरीके से लेनदेन किया। ठगी के लिए सिमकार्ड लेने के लिए एक जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था।