चुनावी तपिश में फीका पड़ा धूप-गर्मी का असर
फोटो- 01ओकेएल- 202 203 प्रत्याशी के साथ एक दिन- - बॉक्सर विजेंद्र गांव-गांव जाकर कर रह

अरविद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली
चिलचिलाती धूप, सेल्फी लेने व हाथ मिलाने के लिए आतुर पसीने से तरबतर लोगों की भीड़ के बीच नारों का शोर बता रहा है कि चुनाव प्रचार जोरों पर है। दक्षिणी दिल्ली से सियासी रिग में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी बॉक्सर विजेंदर सिंह बुधवार को पदयात्रा व जनसंपर्क पर निकले तो गांवों में युवाओं से लेकर बुजुर्गो तक में उनसे मिलने की ललक दिख रही थी। पारंपरिक नेताओं के लुक से हटकर स्पोर्टी अंदाज में दिख रहे विजेंदर सुबह करीब साढ़े आठ बजे तुगलकाबाद गांव पहुंचे। वह गांव के बड़े-बुजुर्गो से आत्मीयता के साथ मिलते, उनसे कुशलक्षेम पूछते और सीधे मुद्दे पर आ जाते। हाथ जोड़कर, पैर छूकर वह लोगों से अपील कर रहे थे कि वे उन्हें वोटर देकर भारी मतों से जिताएं। इस दौरान उनमें न तो सेलेब्रिटी होने का भाव दिख रहा था और न ही धूप, गर्मी व पसीने की चिता।
विजेंदर का वसंत कुंज में घर व ऑफिस आसपास में ही है। वह सुबह व्यायाम आदि करने के बाद साढ़े छह बजे घर से ऑफिस पहुंचे। फिर पार्टी के पदाधिकारियों, विधानसभा क्षेत्र के प्रभारियों आदि से मिले। जिन इलाकों में जनसंपर्क व पदयात्रा के लिए जाना है, वहां साढ़े आठ से नौ बजे के बीच पहुंच जाते हैं। किस दिन कहां-कहां जाना है इसका कार्यक्रम पहले से ही तैयार रहता है। इसलिए प्रयास होता है कि कहीं भी लेट न हो। दो बजे लंच के बाद कुछ देर ऑफिस में आराम करते हैं। इस दौरान फिर से कार्यकर्ताओं से मिले और शाम पांच बजे पदयात्रा पर निकल गए। रात 10 बजे वसंत कुंज स्थित ऑफिस लौटे। पूरे दिन के कार्यक्रम की सफलता, कमियां और उनमें क्या सुधार हो सकता है, अपनी टीम के साथ इस पर चर्चा की। बृहस्पतिवार का कैलेंडर पहले से तैयार है। वहां के कार्यकर्ताओं से कार्यक्रम सुनिश्चित किया और करीब 12 बजे सोने के लिए घर गए। बुधवार को उन्होंने तुगलकाबाद गांव, गोलकुआं कैंप, इंदिरा कल्याण विहार, बदरपुर गांव, जैतपुर, खड्डा कॉलोनी, सौरभ विहार, हरि नगर गांव, मीठापुर, मोलड़बंद, ताजपुर पहाड़ी, गौतमपुरी आदि में जनसंपर्क किया।
इन दोनों धूप में निकलना पड़ रहा है, ज्यादा पैदल चलना पड़ रहा है और आराम करने का समय कम मिल रहा है। इसलिए वह खाने की बजाय लिक्विड डाइट को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। विजेंदर मूलरूप से हरियाणा के भिवाड़ी के जिले के रहने वाले हैं और यहां वसंत कुंज में रहते हैं। भाजपा और आप के प्रत्याशियों को अपने क्षेत्र में घूमने और लोगों से मिलने का अधिक समय मिला। जबकि विजेंदर को ऐन वक्त पर टिकट मिला है। जाहिर है, ऐसे में उन्हें अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ रही है।

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