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    दुकान पर तय आकार से बड़ा साइन बोर्ड लगाने पर देना होगा जुर्माना

    अगर आपकी दुकान की साइन बोर्ड का आकर तय सीमा से अधिक है तो आपको इसका शुल्क निगम में जमा करवाना होगा। ऐसा न करने वालों के खिलाफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम की ओर से पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया जाएगा। इससे पहले दुकानदारों को तीन बार नोटिस दिया जाएगा।

    By JagranEdited By: Updated: Mon, 11 Mar 2019 09:49 PM (IST)
    दुकान पर तय आकार से बड़ा साइन बोर्ड लगाने पर देना होगा जुर्माना

    सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली : अगर आपकी दुकान की साइन बोर्ड का आकर तय सीमा से अधिक है तो आपको इसका शुल्क निगम में जमा करवाना होगा। ऐसा न करने वालों के खिलाफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम की ओर से पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया जाएगा। इससे पहले दुकानदारों को तीन बार नोटिस दिया जाएगा।

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    नगर निगम के नियमानुसार, दुकानों के साइन बोर्ड का अधिकतम आकार 27 वर्गफीट हो सकती है। इससे अधिक होने पर 100 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से शुल्क जमा करवाने के साथ बड़े आकार के साइन बोर्ड का पंजीकरण करवाना होगा। अगर दुकान पर किसी कंपनी का बोर्ड लगा होगा तो 300 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से भुगतान करना होगा। बड़ा बोर्ड निगम के आउटडोर विज्ञापन की श्रेणी में आता है। आउटडोर विज्ञापन अधिनियम 2017 में इसकी व्यवस्था की गई है। इस मद में निगम को कुछ माह पहले तक कोई आमदनी नहीं हो रही थी, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। कुछ महीने के प्रयास के बाद करीब 400 दुकानदारों ने इस मद में शुल्क जमा करवाया है। निगम अधिकारियों के अनुसार, बड़ा बोर्ड लगाने के लिए निगम से अनुमति लेना आवश्यक है।

    पूर्वी दिल्ली निगम की आयुक्त डॉ. दिलराज कौर का कहना है कि राजस्व में वृद्धि के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हीं में यह शामिल है। विज्ञापन विभाग के सहायक आयुक्त अमन राजपूत के अनुसार, दुकानदार अपनी दुकानों पर बड़े आकार का बोर्ड लगाते थे। इसके अलावा वह विभिन्न कंपनियों के भी बोर्ड लगा लेते थे, लेकिन निगम को भुगतान नहीं करते थे। नियमानुसार, नौ गुना तीन या 27 वर्गफीट का साइन बोर्ड लगाया जा सकता है। इससे अधिक आकार होने पर शुल्क देना होगा। ऐसे दुकानदारों व शो रूम की पहचान की जा रही है, जिनके बोर्ड बड़े आकार के हैं। उन दुकानदारों को तीन बार नोटिस भेजा जाएगा। अगर उन्होंने शुल्क जमा नहीं करवाया तो उनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा। इस प्रक्रिया से पूर्वी दिल्ली निगम की आय में इजाफा होगा।