ईस्ट ऑफ कैलाश में सीवर ओवरफ्लो की समस्या जारी, एमसीडी ने दिल्ली जल बोर्ड पर लगाया 10 हजार का जुर्माना
ईस्ट ऑफ कैलाश में सीवर ओवरफ्लो की समस्या लगातार बनी हुई है. इस समस्या को देखते हुए एमसीडी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा ...और पढ़ें

ईस्ट आफ कैलाश सी ब्लाक मार्केट के पास भरे सीवर के पानी से होकर गुजरते वाहनचालक। जागरण
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट आफ कैलाश में कई शिकायतों के बावजूद सीवर ओवरफ्लो की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। आस-पास की चार सोसाइटियों के हजारों लोग पिछले 10 सालों से सीवर ओवरफ्लो की परेशानी झेल रहे हैं।
इसे लेकर लगातार संबंधित विभागों और अधिकारियों से कई लिखित शिकायतें कर चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी है। सी ब्लाक मार्केट के पास महीने भर से सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है। इसे लेकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) पर एक हफ्ते में दूसरी बार चालान कर जुर्माना लगाया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नियमों के उल्लंघन पर ये कार्रवाई की गई है।
इलाके में क्षतिग्रस्त और बदहाल सीवर व्यवस्था के चलते सालों से लोग ओवरफ्लो की परेशानी से जूझ रहे हैं। स्कूली बच्चों को सीवर के पानी से होकर गुजरना पड़ता है और मार्केट आते-जाते लोगों पर वाहनचालक कई बार सीवर का पानी उछाल देते हैं।
लोगों का कहना है कि जल मंत्री प्रवेश वर्मा से लेकर स्थानीय विधायक, पार्षद, दिल्ली जल बोर्ड सहित तमाम विभागों और अधिकारियों के पास कई शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन समस्या हल नहीं हुई। लोगों की शिकायत पर नगर निगम की टीम मंगलवार सुबह मौके पर पहुंची थी।
औचक निरीक्षण के दौरान सीवर ओवरफ्लो के चलते गंदगी और वायु प्रदूषण को लेकर एनजीटी के आदेशों के उल्लंघन पर चालान कर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
लोगों की परेशानी
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पाश इलाके में रहने के बावजूद हम लोग सीवर के पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। सालों से सीवर ओवरफ्लो की परेशानी बनी हुई है कोई सुनने वाला नहीं है। मार्केट में उफनते सीवर से करीब एक किलोमीटर तक पानी भर जाता है। कई शिकायतें की जा चुकी हैं कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वीरेंद्र मित्तल, स्थानीय निवासी
इलाके में करीब 10 सालों से सीवर ओवरफ्लो की परेशानी है। इसे लेकर स्थानीय लोगों की कई शिकायतें मिली हैं और हमने भी दिल्ली जल बोर्ड से समस्या का स्थायी निदान करने की मांग की है। निगम की टीम ने मंगलवार को औचक निरीक्षण कर जल बोर्ड पर दूसरी बार जुर्माना लगाया है। हालात नहीं सुधरे तो इसे लेकर एनजीटी में मामला रखा जाएगा।
राजपाल सिंह, स्थानीय पार्षद।

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