दिल्ली में सड़कों पर लगे मलबे के ढेर, क्यों आंखें मूंदे बैठे हैं निगम के अधिकारी?
पूर्वी दिल्ली में सड़कों पर मलबे के अवैध ढेर से लोग परेशान हैं, जिससे सुरक्षित यातायात मुश्किल हो गया है। कड़कड़ी मोड़ और शास्त्री पार्क जैसे इलाकों में दिन-रात मलबा डाला जा रहा है, जिससे जाम और दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। निगम मलबा उठाने के लिए कार्रवाई कर रहा है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा। लोग निगम से मलबे के लिए अलग लैंडफिल बनाने की मांग कर रहे हैं।
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जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली में यमुनापार के लोग गाजीपुर में बने कूड़े के पहाड़ से ही परेशान नहीं है। सड़कों पर जगह-जगह बनाए अवैध लैंडफिल से भी लोग परेशान आ चुके हैं। सड़कों पर सुरक्षित यातायात करना वाहन चालकों के लिए चुनौती बना हुआ है। लोग अपने घरों के मलबे को सड़कों पर फेंक रहे हैं।
निगम उस मलबे को उठाने के लिए रुपये खर्च कर रहा है। लेकिन कार्रवाई करने को तैयार नहीं। लोगों का दुस्साहस इतना बड़ गया है रात की जगह अब दिन में भी लोग मलबा सड़कों के किनारे डाल रहे हैं। सड़कों पर लोग सुरक्षित यातायात नहीं कर पा रहे हैं, यह निगम, पीडब्यूडी और पुलिस पर सवालिया निशान है।
कड़कड़ी मोड़ पर ही पीडब्ल्यूडी की सड़क को लोगों ने मलबे की लैंडफिल बना दिया है। सड़क के बराबर में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का नाला है। कुछ दिनों पहले सिंचाई विभाग ने नाले की दीवार कर दी थी। सारा मलबा सड़क पर पड़ा हुआ है।
वहीं, बुधवार सुबह इस स्थान पर मलबा डालने के दौरान एक ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई। सारा मलबा सड़क पर गिर गया। इससे करीब एक घंटे तक स्वामी दयानंद मार्ग पर वाहनों की रफ्तार धीमी होने से जाम लग गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली वाला मंडावली क्षेत्र में एक निर्माणाधीन मकान का मलबा यहां डालने के लिए आया था। वह सड़क पर मलबा न डालें, उसे रोकने वाला कोई नहीं था।
शास्त्री पार्क में निगम के प्लांट के सामने ही मलबे से बुरे हालात हैं। आधी सड़क मलबे से घिरी हुई है। रात के वक्त यहां वाहन चलाना किसी खतरे से खाली नही है। पत्थर वाहनों के नीचे आ जाते हैं, उससे हादसा होने का खतरा रहता है। गाजीपुर व टेल्को फ्लाईओवर के पास भी जोग सड़क किनारे जगह-जगह मलबा डाल रहे हैं।
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हालात यह हो चुके हैं कि मलबा उठते ही फिर से वहां डाले जाने लगता है। आम लोग निगम पर सवाल उठा रहे हैं जिस तरह से कूड़े के लिए लैंडफिल बन सकता है तो क्या मलबे के लिए नहीं बन सकता। सड़कों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। लेकिन निगम व पीडब्ल्यूडी इसपर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है।
निगम के बड़े वाहनों से रात में ही मलबा उठाया जाता था। लेकिन अब दिन में भी मलबा उठाने की अनुमति दिलवा दी गई है। दिन में मलबा उठाने का काम शुरू हो चुका है। - संदीप कपूर, चेयरमैन पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं समिति
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