लंबित मांगों के समाधान को लेकर डूटा का जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन, UGC पर दबाव बढ़ाने की तैयारी
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने अपनी लंबित मांगों के समाधान के लिए जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। डूटा, विश्वविद्यालय अनुदान आयो ...और पढ़ें

जंतर मंतर पर डूटा के शिक्षक कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने अपनी कई वर्षों से लंबित मांगों के समाधान की दिशा में दबाव बनाने के लिए सोमवार से जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरने की शुरुआत की। बड़ी संख्या में शिक्षकों की भागीदारी के साथ यह आंदोलन पहले ही दिन जोर पकड़ता दिखा।
मंगलवार को डूटा प्रतिनिधि मंडल यूजूसी कार्यालय पर भी धरना देकर अपनी मांगों को सीधे आयोग के सामने रखने की योजना बना रहा है।
डूटा की प्रमुख मांगों में एमफिल-पीएचडी इंक्रेमेंट को फिर से लागू करना, ईडब्ल्यूएस विस्तार के अनुरूप अतिरिक्त फैकल्टी भर्तियां, यूजीएसएफ के चौथे वर्ष के लिए आवश्यक ढांचे का विस्तार तथा ओल्ड पेंशन स्कीम की वापसी शामिल हैं। इसके साथ ही शिक्षकों ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग बिल को सार्वजनिक कर व्यापक चर्चा कराने की जोरदार मांग रखी है।
फैकल्टी की नियुक्तियां लंबित
डूटा अध्यक्ष प्रो. वीएस. नेगी ने बताया कि एनईपी लागू होने के दौरान विश्वविद्यालय में 25 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस सीटों का विस्तार तो किया गया, लेकिन बढ़ी सीटों के अनुपात में फैकल्टी की नियुक्तियां आज तक लंबित हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी हुए शिक्षकों की फुल पास्ट सर्विस काउंट की मांग वर्षों से अटकी है, जिसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली, लाइब्रेरियन और स्पोर्ट्स टीचर्स की सेवानिवृत्ति आयु शिक्षकों के बराबर करने, नियुक्ति और प्रमोशन में अनियमितताओं को दूर करने तथा एनएफएस मामलों के समाधान की भी मांग की जा रही है।

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