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    दिल्ली विश्वविद्यालय में एपीआई नियमों के खिलाफ लगातार विरोध जारी, 8 दिसंबर को UGC पर धरना देंगे शिक्षक

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय में एपीआई नियमों के खिलाफ शिक्षकों का विरोध जारी है। शिक्षकों का मानना है कि ये नियम शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेंगे। विरोध के अगले चरण में, 8 दिसंबर को शिक्षक यूजीसी पर धरना देंगे और एपीआई नियमों को वापस लेने की मांग करेंगे। शिक्षकों ने अपनी मांगों के पूरा होने तक विरोध जारी रखने का संकल्प लिया है।

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    प्रेस वार्ता को संबोधित करते डूटा के पदाधिकारी। जागरण । 

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक–शोधार्थी समन्वय समिति का शैक्षणिक प्रदर्शन संकेतक (एपीआइ) नियमों के विरोध में चल रहा धरना सोमवार को 13वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली विश्वविद्यालय के एसी सदस्य डा. टी.एन. ओझा और डा. रामकिशोर धरना स्थल पहुंचे। दोनों ने आश्वासन दिया कि वे वर्तमान स्क्रीनिंग नियमों को लेकर एसी मीटिंग में बात उठाएंगे, क्योंकि ये नियम यूजीसी मानकों के विरुद्ध हैं।

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    8 दिसंबर को शिक्षक देंगे धरना

    डूटा सचिव डा. विमलेन्दु तीर्थंकर ने कहा कि डूटा शिक्षकों और शोधार्थियों की मांग को पूरी तरह न्यायोचित मानता है। उन्होंने घोषणा की कि 8 दिसंबर को डूटा अध्यक्ष और शिक्षक यूजीसी पर एपीआइ हटाने की मांग को लेकर धरना देंगे। उनका कहना था कि चल रही भर्ती प्रक्रिया के बीच किसी नियम में बदलाव करना अनुचित है।

    ईसी सदस्य सुनील शर्मा भी समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि ठंड में अतिथि शिक्षकों को बिना टेंट के धरने पर बैठने के लिए मजबूर करना अमानवीय है। उन्होंने इसे यूजीसी नियमों का उल्लंघन और साक्षात्कार से वंचित करने की गलत पहल बताया। 12 दिसंबर की ईसी मीटिंग में एपीआइ हटाने का मुद्दा मजबूती से उठाया जाएगा और आंदोलन तब तक जारी रहेगा।