DUSU चुनाव में 1 लाख के बांड पर मिल सकती है राहत, सामने आया ये बड़ा अपडेट
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में उम्मीदवारी के लिए एक लाख के बांड पर चुनाव समिति राहत दे सकती है। कानूनी टीम से चर्चा जारी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह शर्त लागू हुई थी पर कमजोर छात्रों के लिए रियायत पर विचार हो रहा है। आइसा ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है एबीवीपी और एनएसयूआई भी विरोध कर रहे हैं। प्राक्टर कार्यालय निगरानी बढ़ा रहा है।
उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में उम्मीदवारी के लिए एक लाख बांड भरने की अनिवार्यता पर चुनाव समिति कुछ राहत दे सकती है। इस पर चुनाव समिति विश्वविद्यालय की लीगल टीम से चर्चा कर रही है।
वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे छात्र जो एक लाख नहीं भर सकते, लेकिन चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, उन्हें कुछ राहत दी जाएगी। उन्हें छूट दी जा सकती है या वह दूसरे किसी व्यक्ति को गारंटर के तौर पर पेश कर सकते हैं। अभी इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है। जल्द इस पर चुनाव समिति एक अधिसूचना जारी कर सकती है। हालांकि, इस निर्णय में बाधाएं बहुत हैं।
डूसू चुनाव में पिछले साल उम्मीदवारों ने बेतरतीब तरह से प्रिंटेड पर्चों का इस्तेमाल किया था। इस पर हाई कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। डीयू ने समिति गठित की थी, जिसने हाई कोर्ट को चुनाव के बारे में कई सुझाव दिए थे। बाद में हाई कोर्ट ने आदेश जारी किए। इनमें एक लाख बांड की शर्त शामिल है। इसे डीयू की कार्यकारी परिषद से भी स्वीकृत किया जा चुका है।
डीयू की चुनाव समिति के मुताबिक, एक लाख बांड की शर्त में रियायत में कानूनी बाधाएं हैं। इसे हाई कोर्ट के आदेश के तौर पर लिया गया है। रियायत उल्लंघन न मानी जाए, इसलिए इस पर विचार किया जा रहा है। लेकिन, कमजोर तबके के चुनाव लड़ने के इच्छुक छात्रों के लिए विश्वविद्यालय जरूर विचार करेगा।
बताया गया कि इस पर जल्द घोषणा की जाएगी, ताकि कोई छात्र चुनाव में भाग लेने से वंचित न रहे। हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से कोई घोषणा नहीं की गई है। बता दें कि डीयू ने दीवारें गंदी करने से रोकने के लिए डूसू उम्मीदवारों को एक लाख का बांड देने की अनिवार्य शर्त रखी है। दीवारें गंदी होने पर इसे जब्त किया जा सकता है।
आइसा ने हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका
आल इंडिया स्टूडेंटस एसोसिएशन (आइसा) ने एक लाख के बांड देने की शर्त को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। आइसा का कहना है कि लड़ाई कानूनी तौर पर लड़ी जाएगी।
उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआइ) भी लगातार बांड का विरोध कर रहे हैं। एबीवीपी सभी कालेजों में प्रदर्शन कर चुकी है। रजिस्ट्रार को ज्ञापन भी सौंप चुकी है।
प्राक्टर कार्यालय ने निगरानी बढ़ाई
डीयू के प्राक्टर कार्यालय की ओर से तीन समितियां गठित कर डिफेसमेंट को लेकर निगरानी बढ़ा दी गई है। टीमें लगातार कालेज व परिसर का दौरा कर रही हैं। इसके अलावा गाड़ियों का हुजूम लेकर घूमने वालों को भी रोका जा रहा है। काले शीशे और बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों को जब्त किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- चांदनी चौक में कई दुकानें होंगी सील, MCD के नोटिस ने बढ़ाई व्यापारियों की टेंशन; आक्रोश का माहौल
प्राक्टर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि छात्र डीयू प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। अभी डिफेसमेंट कहीं देखने को नहीं मिला है। उम्मीद है कि आगे भी ऐसा ही रहे, ताकि सभी छात्र चुनाव में भाग ले सकें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।