डीयू की लाइब्रेरियों में सीटों की भारी कमी से जूझ रहे पीएचडी शोधार्थी, दो माह में नई लाइब्रेरी का वादा
दिल्ली विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी पुस्तकालयों में सीटों की कमी से परेशान हैं। उन्हें पढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी पढ़ा ...और पढ़ें
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दिल्ली विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में परेशानियों का सामना कर रहे छात्र।
जागरण संवाददाचा, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी लंबे समय से लाइब्रेरी में पढ़ाई के दौरान गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हैं। शोध से जुड़े छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरियों में उनके लिए सीटों की संख्या बेहद कम है, जिसके कारण उन्हें नियमित रूप से बैठने की जगह नहीं मिल पाती।
हालात यह हैं कि करीब 2000 से अधिक पीएचडी शोधार्थियों के लिए लाइब्रेरी में केवल लगभग 200 सीटें ही उपलब्ध हैं।
शोधार्थियों का आरोप है कि इन सीटों पर भी अक्सर गैर-पीएचडी छात्र कब्ज़ा जमाए रहते हैं, जबकि नियमों के अनुसार शोधार्थियों के लिए निर्धारित लाइब्रेरी परिसर में केवल पीएचडी छात्र ही अध्ययन कर सकते हैं। इस कारण शोधार्थियों को कई बार लाइब्रेरी के बाहर लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
छात्रों का कहना है कि शोध के दबाव और समयबद्ध कार्यों के चलते बैठने की सुविधा न मिलना उनके काम को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
पानी की समस्या
शोधार्थियों ने यह भी बताया कि लाइब्रेरी में पानी की समस्या लगातार बनी हुई है। कभी पहली मंजिल पर पानी नहीं आता, तो कभी दूसरी मंजिल पर। पानी न होने से छात्र घंटों प्यासे बैठकर पढ़ाई करते हैं या बाहर जाकर पानी की व्यवस्था करते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का समय प्रभावित होता है।
किताबों की भारी कमी, छात्रों में बढ़ती नाराजगी
डीयू की लाइब्रेरियों में किताबों की उपलब्धता को लेकर भी छात्रों में असंतोष है। उनका कहना है कि कई छात्र पुस्तकें महीनों तक अपने पास रख लेते हैं, जिससे अन्य विद्यार्थियों को उन पुस्तकों तक पहुंच नहीं मिल पाती। छात्रों का कहना है कि लाइब्रेरी प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता, जिसके चलते किताबों की भारी कमी बनी रहती है।
पीएचडी छात्रों के लिए नई लाइब्रेरी जल्द
डीयू के लाइब्रेरियन राजेश सिंह ने कहा कि वर्तमान में शोधार्थियों के लिए केवल लगभग 200 सीटें ही उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय पीएचडी छात्रों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। उन्होंने बताया कि हम एक नई लाइब्रेरी तैयार कर रहे हैं, जिसकी क्षमता मौजूदा सीटों से चार गुना अधिक होगी। इस नई लाइब्रेरी में केवल पीएचडी शोधार्थी ही अध्ययन कर सकेंगे। इसे अगले दो महीनों में शुरू कर दिया जाएगा।

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