DTC डिपो में अब खुलेंगे पेट्रोल-सीएनजी पंप, दिल्ली सरकार की नई योजना तैयार
दिल्ली में डीटीसी के घाटे को कम करने के लिए बीजेपी सरकार ने एक नया कदम उठाया है। अब डीटीसी डिपो में पेट्रोल और सीएनजी पंप खुलेंगे। पहले, आप सरकार ने भी ऐसा करने की कोशिश की थी, लेकिन डीडीए से मंजूरी नहीं मिली। डीटीसी बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार का मानना है कि इससे डीटीसी की आय बढ़ेगी और घाटा कम होगा।

दिल्ली में डीटीसी के घाटे को कम करने के लिए बीजेपी सरकार ने एक नया कदम उठाया है। फाइल फोटो
स्टेट ब्यूरो, नई दिल्ली। घाटे में चल रही DTC को फिर से खड़ा करने की कोशिश में BJP सरकार ने एक और कदम उठाया है। इससे DTC डिपो में पेट्रोल पंप खुल सकेंगे। दिल्ली सरकार की 10 डिपो में इलेक्ट्रिक गाड़ी चार्जिंग स्टेशन बनाने की भी योजना है। DTC बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल गई है और जल्द ही इस पर आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
इससे पहले, DTC ने बसों पर विज्ञापन लगाने, मल्टी-स्टोरी बस पार्किंग स्पेस बनाने और बस डिपो पर शॉपिंग मॉल बनाने की योजना शुरू की है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर डॉ. पंकज सिंह का कहना है कि किराया बढ़ाए बिना DTC का रेवेन्यू बढ़ाने के लिए गंभीर कोशिशें की जा रही हैं और जल्द ही इसके नतीजे दिखने लगेंगे।
DTC के पास 40 बस डिपो हैं, जिनमें से ज़्यादातर शहर के अंदर प्राइम लोकेशन पर हैं। इनमें से हर डिपो के पास पांच से दस एकड़ तक की जगह है। यह ज़मीन DDA से दिल्ली सरकार को लीज़ पर मिली है। एग्रीमेंट के मुताबिक, वहां सिर्फ़ बस डिपो ही चल सकते हैं। यहां ऑपरेशन में कोई भी बदलाव करने के लिए DDA की मंज़ूरी लेनी होगी।
पिछली AAP सरकार ने भी 2020 में कई बस डिपो पर जनता के लिए CNG पंपिंग स्टेशन खोलने का प्लान बनाया था और इसके लिए टेंडर भी जारी किए थे। लेकिन, DDA से लैंड यूज़ चेंज अप्रूवल न मिलने की वजह से यह प्लान आगे नहीं बढ़ पाया। लेकिन, दिल्ली में BJP सरकार आने के बाद हालात बदल गए हैं। उम्मीद है कि DDA अप्रूवल वाले ऐसे सभी प्रोजेक्ट अब आगे बढ़ सकेंगे।
इसे देखते हुए, DTC बोर्ड ने हाल ही में बस डिपो पर पेट्रोल पंप और CNG पंपिंग स्टेशन खोलने के प्लान को मंज़ूरी दी है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल पंप और दूसरे CNG पंपिंग स्टेशन खोलने के लिए बुलाया जाएगा। ये पेट्रोल पंप रेवेन्यू शेयरिंग बेसिस पर खोले जाएंगे, यानी पेट्रोल पंप से होने वाले रेवेन्यू का एक हिस्सा DTC को दिया जाएगा।
ध्यान दें कि DTC को हर साल घाटा हो रहा है। सही प्लानिंग न होने की वजह से DTC को न सिर्फ घाटा हुआ, बल्कि आधी दिल्ली के लोगों को बस सर्विस की सुविधा भी नहीं मिली। कुछ महीने पहले दिल्ली विधानसभा में DTC पर साल 2015 से 2022 तक पेश की गई CAG रिपोर्ट के डेटा के मुताबिक, DTC का सालाना घाटा, जो 2015-16 में 3411 करोड़ रुपये था, 2022 में बढ़कर 8498 करोड़ रुपये हो गया। यह घाटा लगातार बढ़ रहा है।

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