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    7वीं बार 3400 करोड़ रुपये की ड्रग्स होगी स्वाहा, 2027 तक दिल्ली को Drugs Free बनाने का लक्ष्य

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 08:07 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस राजधानी को 2027 तक ड्रग्स मुक्त बनाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चला रही है। इसी कड़ी में, पुलिस जल्द ही 3400 करोड़ रुपये मूल ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो

    राकेश कुमार सिंह, जागरण, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली को पूरी तरह से ड्रग्स मुक्त करने का संकल्प लेकर तेजी से धर पकड़ की कार्रवाई में जुटी दिल्ली पुलिस बृहस्पतिवार को सातवीं बार हाल के महीने में जब्त की गई भारी मात्रा में ड्रग्स को जलाने का काम करेगी। इस बार करीब 3400 करोड़ रुपये मूल्य की 1500 किलो विभिन्न तरह की ड्रग्स को नष्ट किया जाएगा।

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    जहांगीरपुरी स्थित बायो वेस्ट प्लांट में उप राज्यपाल वीके सक्सेना व संयुक्त आयुक्त संजय अरोड़ा की मौजूदगी में ड्रग्स को नष्ट किया जाएगा। इस बार जिन ड्रग्स को जलाया जाएगा उनमें सबसे अधिक मात्रा कोकेन जैसी सबसे महंगी ड्रग्स की है। दिल्ली पुलिस 2027 तक राजधानी को ड्रग्स मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत पिछले ढाई साल में 10.34 हजार करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स को नष्ट कर चुकी है।

    इसके लिए दिल्ली पुलिस द्वारा समय-समय पर मेगा ड्रग्स डिस्ट्रक्शन इवेंट आयोजित किया जाता है। बीते चार अप्रैल को छठे आयोजन में 1,643 किलो ड्रग्स को नष्ट किया गया। जिसकी अनुमानित कीमत पुलिस ने 2,622 करोड़ रुपये होने का दावा किया था। अभियान की शुरुआत 21 दिसंबर, 2022 को हुई थी।

    मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक पिछले ढाई साल में एनडीपीएस अधिनियम के तहत कुल 2000 से अधिक मामले दर्ज किए गए। इसके तहत 3000 से अधिक ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि आपरेशन कवच'' और अन्य अभियान के तहत सभी जिला पुलिस और यूनिटों द्वारा ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

    ड्रग्स के खतरे को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। पुलिस आयुक्त ने सभी रैंक के अधिकारियों को दिल्ली को नशा मुक्त बनाने के लिए ठोस और केंद्रित प्रयास करने का काम सौंपा है। जिससे ड्रग्स तस्करी में शामिल बड़े तस्करों की गिरफ्तारी के साथ ही उनकी पांच करोड़ से अधिक की अतिरिक्त संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

    दिल्ली ड्रग्स तस्करों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बन चुकी है, यहां गांजा, चरस, हेरोइन, कोकेन, एमडीएमए, पोस्ता स्ट्रा, अफीम, म्याऊं-म्याऊं, केटामाइन, इफेड्रिन व स्मैक आदि की मांग होने के कारण उक्त ड्रग्स की आपूर्ति होती है। विभिन्न राज्यों व विदेश से भी दिल्ली में भारी मात्रा में इन ड्रग्स की आपूर्ति होती है।

    अब तब नष्ट की गई ड्रग्स की मात्रा 21 दिसंबर, 2022 : 2,888 किलो 26 जून, 2023 : 15,700 किलो 20 फरवरी, 2024 : 10,631 किलो 17 दिसंबर, 2024 : 10,601.192 किलो 24 जनवरी, 2025 : 1,575 किलो ड्रग्स 04 अप्रैल, 2025: 1,643 किलो ड्रग्स

    तस्करों के नेटवर्क को तोड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती 2027 तक दिल्ली को ड्रग्स मुक्त बनाने का अभियान जारी है। विदेश में बैठे बड़े ड्रग्स तस्कर डार्क वेब के जरिये देश में धड़ल्ले से ड्रग्स की आपूर्ति करते हैं। सबसे अधिक उच्च क्वालिटी का गांजा डार्क वेब के जरिये कैलिफोर्निया से मंगाया जा रहा है।

    इसके अलावा लैटिन अमेरिका से कोकेन और थाइलैंड से चरस की आपूर्ति की जा रही है। गांजे की आंध्र प्रदेश व मेघालय, चरस, मलाना क्रीम और हेरोइन की आपूर्ति बरेली से अधिक होती है।

    पाकिस्तान और अफगानिस्तान से ड्रोन के जरिये भी हेरोइन की आपूर्ति की जाती है। पुलिस का दावा है कि दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स के दाम बढ़े हैं, इससे साफ है कि पुलिस की हालिया कार्रवाई से तस्करों की आपूर्ति चेन प्रभावित हुई है।