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    रोहिणी में अभी तक नहीं बना एक भी डॉग फीडिंग प्वाइंट, नगर निगम ने पार्षदों को जगह ढूंढने की दी जिम्मेदारी

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 07:34 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, रोहिणी में अभी तक एक भी डॉग फीडिंग प्वाइंट नहीं बन पाया है। नगर निगम ने पार्षदों को स्थान ढूंढने की जिम्मेदारी दी है, लेकिन आवासीय क्षेत्रों में विरोध के कारण पार्षद उदासीन हैं। डीडीए की जमीन और व्यवहारिक मुद्दों को लेकर भी असमंजस है। पार्षदों का आरोप है कि निगम अधिकारी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

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    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 22 अगस्त को राजधानी में डाग फीडिंग प्वाइंट (कुत्ता आहार केंद्र) बनाए जाने का आदेश दिया था, लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी रोहिणी में एक भी डाग फीडिंग प्वाइंट नहीं बन पाया है। नगर निगम ने फीडिंग प्वाइंट के लिए लोकेशन ढूंढने की जिम्मेदारी पार्षदों को दी है, लेकिन अधिकांश पार्षद इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं।

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    इसके पीछे बड़ी वजह लोगों का दबाव बताया जा रहा है। लोग आवासीय क्षेत्र में फीडिंग प्वाइंट बनाने का विरोध कर रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि फीडिंग प्वाइंट के लिए जगह को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। खासकर जहां डीडीए की जमीन है, वहां ज्यादा दिक्कतें हैं।

    रोहिणी क्षेत्र में नगर निगम के कुल 23 वार्ड हैं। नगर निगम रोहिणी जोन के पशु चिकित्सा सेवा विभाग की ओर से सभी पार्षदों को उक एक अक्टूबर को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में डाग फीडिंग प्वाइंट के लिए स्थान चिन्हित किए जाएं। सूत्र बताते हैं कि 23 पार्षदों में से अभी तक किसी भी पार्षद ने लोकेशन चिन्हित कर नगर निगम को नहीं भेजी हैं।

    निगम के अधिकारी ने बताया कि फीडिंग प्वाइंट को चिन्हित करने के लिए निगम पार्षदों को पत्र लिखा गया है और इस बारे में आरडब्ल्यूए से बातचीत की जा रही है। निगम अपने स्तर पर सर्वे भी कर रही है। फीडिंग प्वाइंट के लिए जल्द ही जगह चिन्हित कर ली लाएगी।

    निगम वार्ड-51 से पार्षद धर्मबीर शर्मा का कहना है कि जगह चिन्हित करने को लेकर स्थिति साफ नहीं है। लोग भी नहीं चाहते कि आवासीय क्षेत्र में ऐसे प्वाइंट बनाए जाएं। वे चाहते हैं कि आवासीय क्षेत्र और पार्क से दूर ऐसे प्वाइंट बनाएं जाने चाहिए। अगर घरों व आवाजाही वाले क्षेत्रों में डाग फीडिंग प्वाइंट बनाए गए तो खतरा और बढ़ जाएगा। इसके अलावा कई ऐसी जगह हैं जहां डीडीए की जमीन है। डीडीए की जमीन पर फीडिंग प्वाइंट बनाने की अनुशंसा निगम पार्षद नहीं कर सकता है। इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

    वार्ड-42 के पार्षद राजेश का कहना है कि जगह को लेकर अभी असमंजस है। कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां न नगर निगम की भूमि है और न डीडीए की, इस स्थिति में फीडिंग प्वाइंट कहां बनाए जाएं। अगर आबादी से बाहर फीडिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे तो अपने घर से दूर कितने लोग कुत्तों को खाना खिलाने जाएंगे, यह भी एक बड़ा सवाल है।

    नगर निगम को व्यवहारिक पहलुओं पर विचार करते हुए नए सिरे से योजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थान चिन्हित करने का काम निगम पार्षदों को सौंप कर नगर निगम अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। डाग फीडिंग प्वाइंट चिन्हित करने का कार्य नगर निगम के अधिकारियों को करना चाहिए।