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    दिवाली-छठ पर घर जाने में यात्रियों को हो रही परेशानी, देना होगा दोगुना किराया

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 06:22 PM (IST)

    दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर घर जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों को बसों के बढ़े हुए किराए का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों में टिकट मिलना मुश्किल होने के कारण, बस संचालकों ने किराए में भारी वृद्धि की है, जिससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। कश्मीरी गेट बस अड्डे पर निजी बस संचालकों की मनमानी देखने को मिल रही है, जहाँ कई गुना अधिक किराया वसूला जा रहा है। 

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    दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर घर जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों को बसों के बढ़े हुए किराए का सामना करना पड़ रहा है।

    शशि ठाकुर, नई दिल्ली। दिवाली और छठ पूजा के त्योहार नजदीक आते ही अपनों के पास घर लौटने की चाहत यात्रियों के लिए महंगी होती जा रही है। जहां ट्रेन का कन्फर्म टिकट मिलना लगभग नामुमकिन हो गया है, वहीं भीड़ को देखते हुए बस संचालकों ने किराए में डेढ़ से दो गुना तक की बढ़ोतरी कर दी है। इस अप्रत्याशित बढ़ोतरी का सीधा असर घर लौटने को आतुर यात्रियों की जेब पर पड़ रहा है।

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    हालात यह हैं कि कश्मीरी गेट स्थित महाराणा प्रताप बस अड्डे (आईएसबीटी) पर निजी बस संचालकों की मनमानी साफ दिखाई दे रही है। दिल्ली से पटना, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, उत्तराखंड और वाराणसी जाने वाले प्रमुख रूटों पर आमतौर पर 500 से 700 रुपये में बिकने वाले टिकट अब 2,500 से 3,000 रुपये में मिल रहे हैं।

    त्योहार शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं, दिवाली के करीब आते ही बस टिकट के दाम आसमान छूने लगे हैं। निजी बस संचालकों के मुताबिक, छठ पूजा के करीब आते ही एसी स्लीपर बसों का किराया 3,000 से 7,000 रुपये तक पहुंच जाएगा। त्योहारों के मौसम में यात्री हर साल घर लौटने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, लेकिन हर साल उन्हें टिकट की कमी और बढ़े हुए किराए की समस्या का सामना करना पड़ता है।

    रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनों की घोषणाएं भी यात्रियों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने और टिकट की कमी को दूर करने में नाकाफी साबित हो रही हैं, जिसका सीधा फायदा निजी बस संचालकों को मिल रहा है।

    बस स्टैंड तक पहुंचना भी एक चुनौती

    त्योहारों के मौसम में, बस स्टैंड यात्रियों से खचाखच भरा रहता है और सड़कों पर यातायात बढ़ जाता है। शाम 4:30 बजे से 7:30 बजे तक कश्मीरी गेट से दिल्ली गेट तक भीषण जाम लगा रहा, जिससे यात्रियों को बस स्टैंड पहुँचने में एक से डेढ़ घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है। बस स्टैंड तक पहुँचना भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। पहले, यात्रियों को बस स्टैंड पहुँचने में 10 से 15 मिनट लगते थे। त्योहारों के कारण सड़कों पर भी यातायात जाम बढ़ गया है।

    टिकट खरीदने के लिए यात्रियों की लंबी कतारें

    अंतर्राष्ट्रीय महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर टिकट खरीदने के लिए यात्रियों की लंबी कतारें लग रही हैं। इसके अलावा, लंबी दूरी के रूटों पर यात्रा करने वाले यात्री अक्सर सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक डेढ़ से दो घंटे तक बस स्टैंड पर सामान के साथ बैठकर बसों का इंतज़ार करते हैं। इस दौरान, यात्रियों ने बताया कि दोगुना किराया देने के बाद भी उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा।

    बसों में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़

    त्योहारों के मौसम में घर लौटने की होड़ शाम 6 बजे कश्मीरी गेट बस स्टैंड पर चरम पर पहुँच गई। जैसे ही दिल्ली से दूसरे राज्यों के लिए बसें आईं, यात्री सामान लेकर सीट पाने के लिए दौड़ पड़े। हर कोई बस में सबसे पहले चढ़ने के लिए बेताब दिखाई दिया।

    दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में काम करने वाले लोगों को त्योहारों के दौरान ही घर जाने का मौका मिलता है। इस दौरान ट्रेनों और बसों में टिकट और सीट मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है। दोगुना किराया देने के बाद भी, कई बार उन्हें बस या ट्रेन में सीट नहीं मिल पाती।

    - गिरधारी शर्मा, यात्री

    उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में 200 से 300 टिकट प्रतीक्षा सूची में हैं। त्योहारों के लिए घर जाना भी ज़रूरी है। इसी वजह से मैं बस स्टेशन पर टिकट लेने आया था, लेकिन निजी बस संचालकों ने किराए में डेढ़ से दो गुना तक की बढ़ोतरी कर दी है, जो काफ़ी महँगा साबित हो रहा है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देने की ज़रूरत है।
    - प्रदीप कुमार, यात्री।

    यात्रियों की संख्या को देखते हुए बस सुविधाओं में सुधार और यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुँचाने की ज़रूरत है। त्योहारों के मौसम में जब माँग बढ़ती है, तो कुछ दिनों के लिए किराए में बढ़ोतरी की जाती है, जो व्यावहारिक भी है।

    - श्याम लाल गोला, महासचिव, दिल्ली अंतरराज्यीय बस संचालक संघ।