दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजिटल सुरक्षा वेबिनार, फिशिंग और डीपफेक पर खास जानकारी
जागरण न्यू मीडिया और विश्वास न्यूज ने गूगल डिजीकवच के साथ मिलकर दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजिटल सुरक्षा वेबिनार आयोजित किया। इसका उद्देश्य ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करना था। वेबिनार में फिशिंग लिंक्स से बचने, मजबूत पासवर्ड बनाने और गूगल पासकी के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। विश्वास न्यूज ने साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी और डिजीकवच कार्यक्रम के उद्देश्यों को समझाया।

प्रतीकात्मक तस्वीर
डिजिटल डेस्क, नोएडा। जागरण न्यू मीडिया और विश्वास न्यूज के सहयोग से गूगल के प्रतिष्ठित 'डिजीकवच' पहल के अंतर्गत रविवार को "वरिष्ठ नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा : सच के साथी" वेबिनार का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्कैम्स से सुरक्षित रखते हुए उन्हें बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करना था। यह वेबिनार खासतौर से दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित की गई।
वेबिनार में विश्वास न्यूज के प्रशिक्षकों ने बताया कि अपराधी और ऑनलाइन स्कैमर्स वरिष्ठ नागरिकों को अधिक निशाना बनाते हैं और इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वेबिनार में शामिल लोगों को ऑनलाइन स्कैम्स और फ्रॉड के विभिन्न तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए उससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया गया।
इस दौरान बताया गया कि अक्सर त्योहारों के समय साइबर अपराधी लुभावने संदेशों के साथ फिशिंग लिंक्स भेजते हैं। इससे बचने का सबसे सुरक्षित तरीका है कि ऐसे किसी भी लिंक्स पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
बताया मजबूत पासवर्ड बनाने का तरीका
वरिष्ठ नागरिकों को गूगल पासवर्ड मैनेजर का महत्व बताते हुए उसके इस्तेमाल से मजबूत पासवर्ड बनाने का तरीका बताया गया। गूगल पासकी पासवर्ड का आसान और सुरक्षित ऑप्शन है। इसकी मदद से लॉग-इन करने के लिए फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन या स्क्रीन लॉक की जरूरत होती है और इस तरह से आप अपने ऑनलाइन अकाउंट को सुरक्षित कर सकते हैं।
विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर पल्लवी मिश्रा और देविका मेहता ने प्रतिभागियों को तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम और फ्रॉड के बारे में बताते हुए गूगल के 'डिजीकवच' कार्यक्रम की जानकारी और उसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया।
पल्लवी मिश्रा ने लोगों को डिजिटल सुरक्षा के टिप्स देते हुए उन्हें ऑनलाइन सेफ रहने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। वहीं, देविका मेहता ने एआई की मदद से होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि आजकल सेलिब्रेटीज के कई वीडियो वायरल होते हैं, जिनमें उन्हें लोगों को इन्वेस्टमेंट करने के लिए कहते हुए देखा जाता है।
ये सब साइबर अपराधियों का तरीका होता है, जो एआई जेनरेटेड डीपफेक वीडियो के जरिए लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में वेल बींग फाउंडेशन का भी सहयोग रहा। फाउंडेशन की फाउंडर फराह नाज ने कार्यक्रम को आज के वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि इस वेबिनार से वरिष्ठ नागरिकों को साइबर खतरों से खुद को बचाने में काफी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के बारे में
'वरिष्ठ नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा: सच के साथी' अभियान के तहत जागरण डिजिटल और विश्वास न्यूज की टीमें देशभर में सेमिनार और वेबिनार के माध्यम से ट्रेनिंग दे रही हैं। इसके तहत देश के 20 राज्यों के 30 शहरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब, उत्तराखंड जैसे 20 राज्यों में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इसमें लोगों को ऑनलाइन स्कैम को पहचानने और बचने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गूगल का ‘डिजीकवच’ अभियान भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य लोगों को फ्रॉड और स्कैम के प्रति जागरूक करना है।
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