GRAP-4 की सख्ती के 10 दिन बाद भी दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली, बेअसर दिख रही पाबंदियां
ग्रेप-4 की सख्ती के 10 दिन बाद भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। पाबंदियों के बावजूद वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं दिख रहा ...और पढ़ें

दिल्ली में नहीं कम हो रहा प्रदूषण। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। इसे नियमों के पालन में बरती जा रही लापरवाही कहें या फिर सरकारी हीलाहवाली, लेकिन 10 दिन से ग्रेप के चारों चरणों की पांबंदियां लागू होने के बावजूद दिल्ली और एनसीआर हवा लगातार ''बहुत खराब'' से गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। सोमवार को भी राजधानी की हवा में प्रदूषक कणों का स्तर मानकों से तीन गुना ज्यादा रहा। आने वाले दिनों में भी राहत की संभावना कम ही है।
दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 13 दिसंबर को पहले ग्रेप तीन और बाद में ग्रेप चार की पाबंदियां लगाई थीं। इसके अंतर्गत तमाम किस्म के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध हैं।
कार्यालयों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था है जबकि वाहनों पर भी तमाम किस्म की पाबंदियां लगी हुई हैं। विद्यालयों में हाईब्रिड मोड या आनलाइन शिक्षा कर दी गई है। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही है।
सोमवार को भी हवा रही 'बेहद खराब'
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का एक्यूआइ 373 रहा। इस स्तर की हवा को ''बहुत खराब'' श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यानी रविवार को यह 377 के अंक पर रहा था। पिछले 24 घंटों में एक्यूआइ में सिर्फ चार अंकों का सुधार हुआ है। दूसरी तरफ दिल्ली के आठ इलाकों का एक्यूआइ 400 से ऊपर यानी ''गंभीर'' श्रेणी में रहा।
सीपीसीबी के मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे सामान्य माना जाता है। जबकि, दिल्ली की हवा में सोमवार दिन में दो बजे पीएम 10 का औसत स्तर 301.1 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर बना रहा। यानी दिल्ली की हवा में मानकों से तीन गुना ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।
वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के अनुसार अभी प्रदूषित हवा से राहत मिलने के आसार नहीं है। हवा की गति थोड़ा बढ़ने से इसमें कुछ कमी भले आ सकती है। वजह, दिल्ली की हवा में अभी प्रदूषक कणों का जो स्तर मौजूद है वह वर्षा या बहुत तेज हवा जैसी किसी बड़ी मौसमी परिघटना से ही साफ हो सकता है। जबकि ऐसी किसी मौसमी परिघटना की संभावना नहीं है।
बीते दस दिन में दिल्ली का AQI
| तारीख | AQI |
|---|---|
| 13 दिसंबर | 431 |
| 14 दिसंबर | 461 |
| 15 दिसंबर | 427 |
| 16 दिसंबर | 354 |
| 17 दिसंबर | 334 |
| 18 दिसंबर | 373 |
| 19 दिसंबर | 374 |
| 20 दिसंबर | 398 |
| 21 दिसंबर | 377 |
| 22 दिसंबर | 373 |
दिल्ली के इन इलाकों की हवा रही सबसे खराब
| इलाका | AQI |
|---|---|
| वजीरपुर | 409 |
| रोहिणी | 408 |
| नरेला | 422 |
| मुंडका | 410 |
| जहांगीरपुरी | 410 |
| डीटीयू | 405 |
| बवाना | 419 |
| आनंद विहार | 413 |
| नेहरू नगर | 400 |
| विवेक विहार | 399 |
इस दिसंबर में एक भी दिन 200 से नीचे नहीं गया एक्यूआइ
इस दिसंबर में अभी तक दिल्ली का एक्यूआइ एक भी दिन ''मध्यम'' श्रेणी में यानी 200 से नीचे नहीं पहुंचा। इसके विपरीत पिछले साल इसी अवधि में राष्ट्रीय राजधानी में छह दिन मध्यम स्तर की वायु गुणवत्ता दर्ज की गई थी।
सीपीसीबी के अनुसार, इस माह एक से आठ दिसंबर तक एक्यूआइ 300 से ऊपर रहने के कारण हवा रेड ज़ोन में बनी रही। नौ और 10 तारीख को लगातार दो दिन प्रदूषण का स्तर ''खराब'' श्रेणी में रहने से शहर को थोड़ी राहत मिली, लेकिन 11 दिसंबर को यह फिर से रेड ज़ोन में पहुंच गया और तब से वहीं बना हुआ है।

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