संतान की इच्छा में महिला ने अस्पताल से 4 साल के बच्चे का अपहरण किया, पुलिस ने 3 घंटे में पकड़ा
दिल्ली में एक महिला ने संतान की चाहत में अस्पताल से चार साल के बच्चे का अपहरण कर लिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन घंटे के भीतर महिला को गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया। बच्चे को उसके परिवार को सौंप दिया गया है।
-1761200935594.webp)
अस्पताल से बच्चे का अपहरण।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। रोहिणी क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां संतान की चाह में एक महिला ने डॉ. आंबेडकर अस्पताल से चार साल के एक बच्चे का अपहरण कर लिया। घटना 20 अक्टूबर की है, जब आरोपित महिला ने बच्चे को अपने साथ ले जाकर ऑटो से फरार हो गई थी। सूचना पर एक्शन लेते हुए उत्तरी रोहिणी थाना पुलिस ने तीन घंटे के अंदर महिला को दबोच लिया।
वहीं, महिला के घर से बच्चे को सकुशल बरामद कर उनके माता-पिता के हवाले कर दिया। पुलिस जांच में पता चला कि महिला और उसके भाई के पास कोई संतान नहीं है। उसने संतान की चाह में इस वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित महिला से पुलिस पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि 20 अक्टूबर की सुबह करीब 6:36 बजे उत्तरी रोहिणी थाना पुलिस को पीसीआर काल मिली। जिसमें चार साल के बच्चे के अपहरण की सूचना दी गई थी। पुलिस को बच्चे के पिता शहजाद ने बताया कि उनका बेटा बीएसए अस्पताल से लापता हो गया है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई वारदात
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तरी रोहिणी थाना इंस्पेक्टर दलजीत के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने तुरंत अस्पताल के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जांच में पाया गया कि करीब 2:50 बजे एक महिला बच्चे के साथ खेलती दिखी।
दोपहर तीन बजे वह बच्चे को लेकर अस्पताल से बाहर निकल गई। दूसरे कैमरे में वह महिला आटो चालकों से बात करती और एक आटो में बैठती दिखी।
पुलिस ने क्षेत्र के बीट स्टाफ को अलर्ट किया और विभिन्न सेक्टरों में चौक-चौराहों पर तैनात किया। कुछ ही समय में आटो चालक अब्दुल रहमान का पता लगाया गया, जिसने बताया कि उसने महिला को बच्चे के साथ लिबासपुर में उतारा था। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बताए पते पर छापा मारा और महिला को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार महिला की पहचान ज्योति उर्फ प्रीति (39) के रूप में हुई। वह इस समय बेरोजगार है और पहले मेटल पाउडर कोटिंग कंपनी में काम करती थी।
इलाज कराने आई थी अस्पताल
पूछताछ में आरोपिता ने बताया कि वह अस्थमा के इलाज के लिए अक्सर बीएसए अस्पताल जाती थी। वारदात वाले दिन भी वह अस्पताल गई थी। वहीं उसे यह बच्चा पसंद आ गया और उसने उसे अपने साथ ले जाने का फैसला कर लिया, क्योंकि न तो उसके और न ही उसके भाई के कोई बेटा है।
फिलहाल आरोपित महिला से आगे की पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या वह किसी और ऐसे मामले में शामिल रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।