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    दिल्ली: रेलवे ट्रैक बना मौत का कुआं, 947 लोगों की जान गई

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 05:01 AM (IST)

    दिल्ली के किराड़ी में रेलवे लाइन पार करते समय दो बच्चियों की मौत हो गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने एफओबी की कमी के कारण हंगामा किया। आरपीएफ के अनुसार, इस साल 31 अगस्त तक 947 मौतें हुईं। लापरवाही, शॉर्टकट, और हेडफ़ोन का उपयोग दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं। रेलवे ने जुर्माने लगाए हैं, लेकिन लोगों की लापरवाही जारी है। रेलवे एक्ट के तहत अवैध क्रॉसिंग पर जुर्माना और जेल का प्रावधान है।

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    दिल्ली के किराड़ी में रेलवे लाइन पार करते समय दो बच्चियों की मौत हो गई

    मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। हाल ही में किराड़ी के प्रेम नगर में रेलवे लाइन पार करते समय दो मासूम बच्चियों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद, स्थानीय निवासियों ने रेलवे लाइन पर एफओबी न होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। दिल्ली में यह पहली ऐसी घटना नहीं है जिसमें किसी की जान गई हो।

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    ट्रेन हादसों की खबरों में अक्सर काम पर जाने की जल्दी में लोग, स्कूल जाने की जल्दी में बच्चे या बाजार जाने का शॉर्टकट लेने की कोशिश कर रहे पैदल यात्री शामिल होते हैं। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 31 अगस्त तक रेलवे ट्रैक पर 1,134 दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें 947 मौतें और 211 घायल हुए। ज़्यादातर मामलों में लापरवाही मौत का कारण बनी।

    आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रेलवे ट्रैक पर सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएँ दिल्ली-शाहदरा और दिल्ली-रोहतक लाइनों पर दर्ज की गई हैं। रेलवे ने इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जुर्माना लगाने सहित कई प्रयास किए हैं, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण दुर्घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

    रेलवे सुरक्षा बल भी समय-समय पर अवैध तरीके से पटरियां पार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करता है, लेकिन रेल यात्रियों के साथ-साथ रेलवे लाइन के पास की बस्तियों में रहने वाले लोग, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, ट्रेनों की आवाजाही के बीच जान जोखिम में डालकर पटरियां पार करते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं। रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत अवैध तरीके से पटरियां पार करने पर छह महीने की जेल या एक हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    पिछले पांच वर्षों में ट्रेनों की चपेट में आए लोग

     
    वर्ष दुर्घटनाएँ घायल मृत
    2021 1,373 195 1,180
    2022 1,893 301 1,592
    2023 1,871 326 1,558
    2024 1,867 351 1,550
    2025 1,134 211 947

    इन लापरवाहियों के कारण हुई मौतें

    • समय बचाने के लिए शॉर्टकट लेने की कोशिश में रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय ट्रेनों की चपेट में आना
    • कानों में हेडफ़ोन लगाकर रेलवे ट्रैक पार करना, जिससे ट्रेन की आवाज़ बंद हो जाती है
    • फुटओवरब्रिज या अंडरपास का इस्तेमाल करने के बजाय समय बचाने के लिए ट्रैक पार करना
    • नशे में ट्रेन में चढ़ने या उतरने की कोशिश करना और नशे में पटरियों पर सोना दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं
    • प्लेटफ़ॉर्म और स्टेशन परिसर अवैध रास्ते लोगों को सीधे पटरियों तक पहुँचने का मौका देते हैं।
    • हमेशा निर्धारित रेलवे फाटकों से ही रेल पार करें; मानवरहित पटरियों या शॉर्टकट का इस्तेमाल न करें।
    • हेडफ़ोन/ईयरफ़ोन पहनकर पटरियाँ पार न करें; इससे ट्रेन की आवाज़ सुनने की आपकी क्षमता कम हो जाती है।
    • मोबाइल फ़ोन पर बात करते हुए पटरियाँ पार न करें। ध्यान भटकने से दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।
    • रेल की पटरियों पर फ़ोटो या वीडियो लेने की कोशिश न करें।
    • रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफ़ॉर्म बदलने के लिए फ़ुट ओवरब्रिज या सबवे का इस्तेमाल करें।