उत्तर भारत की बसों से दिल्ली में लगने वाले जाम से मिलेगा छुटकारा, एक्सपर्ट ने नए रूट का दिया प्रस्ताव; पढ़ें डिटेल्स
कश्मीरी गेट आइएसबीटी पर जाम कम करने के लिए विशेषज्ञों ने उत्तरी भारत की बसों को नए रूट से चलाने का सुझाव दिया है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, ...और पढ़ें

जाम को दूर करने के लिए विशेषज्ञों ने सरकार और दिल्ली पुलिस को नए रूट का प्रस्ताव दिया है।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। कश्मीरी गेट आईएसबीटी में आने वाली बसों से लगने वाले जाम को दूर करने के लिए विशेषज्ञों ने सरकार और दिल्ली पुलिस को नए रूट का प्रस्ताव दिया है। जिसके तहत जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को जाने आने वाली बसों का रूट बदलकर सहारनपुर एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के उपयोग करने का सुझाव है।
आइएसबीटी कश्मीरी गेट से निकलकर बसें देहरादून एक्सप्रेसवे का उपयोग करेंगी और वहां से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उपयोग कर सोनीपत से पहले राई के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर पहुंचेंगी। जहां से अंबाला की ओर निकल जाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है इससे रिंग रोड से लेकर बाहरी रिंग रोड पर बसों से लगने वाला जाम दूर होगा।
कश्मीरी गेट आइएसबीटी के आसपास लगने वाले यातायात जाम की बात करें तो बड़ा कारण आइएसबीटी का होना भी है। आइएसबीटी कश्मीरी गेट का पूरा नाम महाराणा प्रताप अंतर्राज्यीय बस अड्डा है, जो 1976 में बना था। यह तीन मार्गों से घिरा है। एक तरफ रिंग रोड है, दूसरी और शाहदरा से आकर तीस हजारी जाने वाला जीटी रोड है इस पर भी जाम लगता है।
तीसरी ओर कश्मीरी गेट स्थित निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर जाने वाला मार्ग है। लोग यहां जाम से जूझते हैं। यहां से हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के लिए प्रतिदिन 2,600 से अधिक बसें चलती हैं और डेढ़ लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं।
कश्मीरी गेट आइएसबीटी का भार कम करने के लिए दिल्ली की सीमा पर नए आइएसबीटी बनाने की योजना है। दिल्ली सरकार टीकरी बार्डर, नरेला और द्वारका-21 पर तीन नए अंतरराज्यीय बस अड्डे बनाने की योजना पर काम कर रही है। मगर इसमें अभी समय लगने की संभावना है। देहरादून एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से अब इसे देखते हुए कश्मीरी गेट आने जाने वाली उत्तरी भारत की बसों के लिए नया रूट सामने आया है।
नए रूट से कश्मीरी गेट से शुरू होकर रिंग रोड पर चंदगीराम अखाड़ा, मजनूं का टीला से लेकर जीटी करनाल बाईपास पर लगने वाले जाम को काफी कम किया जा सकेगा। रूट बदलने से करीब प्रतिदिन 1400 बसें इन इलाकों से हट जाएंगी। अकेले जीटी करनाल बाईपास पर ही व्यस्त समय में वाहन 30-30 मिनट जाम में फंसते हैं। इससे वाहनों से प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
क्या है नया रूट
यहां बता दें कि नए रूट के तहत इस आईएसबीटी से निकल कर हिमाचल, जम्मू कश्मीर, पंजाब व चंडीगढ़ व हरियाणा आदि जाने वाली बसों को शुरू हाे चुके देहरादून एक्सप्रेस-वे पर ले जाया जाएगा। प्लान के तहत कश्मीरी गेट बस अड्डा से निकलकर बसों को रिंग रोड पर 100 मीटर आगे चलकर यू-टर्न फ्लाईओवर से जीटी रोड पर रास्ता दिया जाएगा जो शास्त्रीपार्क तक जाएंगी।
वहां से क्लोवरलीफ से देहरादून एक्सप्रेस-वे पर बसें चढेंगी और खेकड़ा के पास इस एक्सप्रेस-वे से उतरकर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को पकड़ लेंगी। जिसके माध्यम से हरियाणा के राई के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के माध्यम से सोनीपत होते हुए अंबाला की ओर निकल जाएंगी।
उत्तरी राज्यों की बसों से उत्तरी दिल्ली में लगने वाले जाम दूर करने के प्रयास वाली योजनाअों की बैठकों में शामिल रहे गुरु हनुमान सोसायटी के अध्यक्ष अतुल रंजीत कुमार कहते हैं कि यह एक बेहतर प्रस्ताव है, जिसमें सरकार का कोई खर्च नहीं बढ़ने वाला है। उत्तरी दिल्ली में जाम कम होगा, वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा।
उनका कहना है कि इस रूट से भी लगभग उतना ही समय लगेगा, जितना जीटी करनाल बाईपास होते हुए लगता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में यातायात विशेषज्ञों से चर्चा की है और पुलिस और दिल्ली सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है।

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