पांच लाख ट्यूलिप से दिल्ली बनेगी रंग-बिरंगे फूलों का शहर, सड़कें होंगी रंगीन
दिल्ली को पांच लाख ट्यूलिप फूलों से सजाने की योजना है, जिससे शहर की सड़कें और चौराहे रंग-बिरंगे हो जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य दिल्ली को और खूबसूरत बनाना है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और शहर की छवि में सुधार होगा। दिल्ली सरकार इस परियोजना पर काम कर रही है।

दिल्ली को पांच लाख ट्यूलिप फूलों से सजाने की योजना है
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इस सर्दी में पांच लाख से ज्यादा रंग-बिरंगे ट्यूलिप बल्ब दिल्ली को खूबसूरत फूलों के शहर में बदल देंगे। इनमें से 3.25 लाख ट्यूलिप बल्ब एनडीएमसी और 1.92 लाख डीडीए अपने-अपने इलाकों की सड़कों, चौराहों और पार्कों में लगाएंगे।
ट्यूलिप बल्ब शांति पथ, मंडी हाउस, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, 11 मूर्ति और एनडीएमसी व डीडीए के अन्य पार्कों व गोल चक्करों की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगे।
गौरतलब है कि पहली बार लोग अपने घरों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए ट्यूलिप बल्ब खरीद सकेंगे, एनडीएमसी इन्हें बेचेगी। एक अधिकारी ने बताया कि एनडीएमसी और डीडीए की इस साल कुल 5.17 लाख ट्यूलिप बल्ब लगाने की योजना है।
अधिकारी के अनुसार, एनडीएमसी ने 2022 में स्थानीय स्तर पर ट्यूलिप उगाना शुरू किया था और अब इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं।
गौरतलब है कि इस साल 50,000 ट्यूलिप बल्ब उगाए गए हैं। इनमें से 29,000 बल्ब लोधी गार्डन स्थित विशेष विकास कक्ष में उगाए गए, और शेष 21,000 बल्ब हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित हिमालय जैवसंसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान (IHBT-CSIR) में उगाए गए।
इस बीच, मंगलवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने लोधी गार्डन स्थित एनडीएमसी के ट्यूलिप विकास एवं भंडारण कक्ष का दौरा किया और स्थानीय स्तर पर ट्यूलिप उगाने और आयात पर निर्भरता कम करने की पहल की सराहना की।
उन्होंने अधिकारियों को ट्यूलिप प्रसार कक्ष की क्षमता और उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि दिल्ली ट्यूलिप बल्ब उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके।
एनडीएमसी क्षेत्र में ट्यूलिप रोपण की शुरुआत 2017-18 में केवल 17,000 पौधों से हुई थी। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और पिछले वर्ष 3.25 लाख तक पहुंच गई।
इस प्रयास के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में ट्यूलिप महोत्सव मनाया जाता है। गौरतलब है कि पहली बार, एनडीएमसी उपस्थित लोगों को गमलों में लगे ट्यूलिप के पौधे भी बेच रही है, जिससे वे इस खूबसूरत पुष्प का एक अंश घर ले जा सकेंगे।
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