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    दिल्ली बनेगी EV कैपिटल, हर 3 KM पर होंगे चार्जिंग स्टेशन; 1.25 लाख गाड़ियां एक साथ हो सकेंगी चार्ज

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 08:35 PM (IST)

    नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में चार्जिंग स्टेशन और उनके मेंटेनेंस पर जोर दिया जाएगा। दिल्ली में हर साल 5,000 चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है, जिससे ...और पढ़ें

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    दिल्ली में हर साल 5,000 चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है। फाइल फोटो

    स्टेट ब्यूरो, नई दिल्ली। नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में गाड़ियों के चार्जिंग स्टेशन बनाने और उनके मेंटेनेंस पर खास जोर दिया जाएगा। दिल्ली में हर साल 5,000 चार्जिंग स्टेशन बनाने पर गंभीरता से बातचीत चल रही है। सरकार की योजना हर तीन किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाने की है। सूत्रों से पता चला है कि अगले पांच साल में दिल्ली में 25,000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन चालू हो जाएंगे।

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    इस सिस्टम से दिल्ली में एक साथ 1.25 लाख गाड़ियां चार्ज हो सकेंगी। सरकार का फोकस चार्जिंग सिस्टम को आसान और सस्ता बनाने पर भी है। चार्जिंग सिस्टम पर सब्सिडी भी दी जा सकती है। सरकार 31 मार्च से पहले पॉलिसी को पूरी तरह फाइनल करने की तैयारी में है।

    नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 1 अप्रैल से लागू होगी। नए चार्जिंग स्टेशन मार्केट कॉम्प्लेक्स, मल्टी-लेवल पार्किंग लॉट, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन परिसर, सरकारी बिल्डिंग और ऑफिस के साथ-साथ मुख्य सड़कों के किनारे लगाए जाएंगे, जहां लोग आसानी से अपनी गाड़ियां चार्ज कर सकें।

    नई पॉलिसी में बैटरी रीसाइक्लिंग सिस्टम बनाने की भी बात कही गई है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियां बढ़ेंगी, उनकी खराब बैटरी भी बड़े पैमाने पर सामने आएंगी। इसे ठीक करने के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग सिस्टम बनाने की बात हो रही है। लिथियम-आयन बैटरी का सुरक्षित डिस्पोजल एक बड़ी चुनौती है।

    पहली बार, नई पॉलिसी में उनके कलेक्शन, रीसाइक्लिंग और सुरक्षित डिस्पोज़ल के लिए एक ऑर्गनाइज़्ड सिस्टम का प्रस्ताव है, जिससे बढ़ते बैटरी वेस्ट का पर्यावरण के अनुकूल समाधान पक्का हो सके।

    EV अपनाने में तेज़ी लाने के लिए, गाड़ी की मार्केट वैल्यू के आधार पर सब्सिडी का प्रस्ताव है। यह इंसेंटिव पेट्रोल और डीज़ल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदलने और नई EV खरीद पर टैक्स माफ़ करने, दोनों पर लागू हो सकता है। हालाँकि, इस स्ट्रक्चर पर आखिरी फ़ैसला कैबिनेट लेगी।

    अधिकारियों का कहना है कि इस बार सब्सिडी पॉलिसी का मुख्य हिस्सा नहीं होगी। सरकार के अनुसार, ज़्यादातर प्राइवेट और कमर्शियल EV खरीदार अब बिना सब्सिडी के भी EV चुन रहे हैं। फिर भी, सब्सिडी पॉलिसी का हिस्सा बनी रहेगी।