Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली स्कूलों में आएगी 'अपॉर्चुनिटी हैंडबुक', AI से निखारेंगे स्टूडेंट्स अपनी प्रतिभा

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 03:24 PM (IST)

    दिल्ली सरकार राजधानी के सरकारी स्कूलों में 'अपॉर्चुनिटी हैंडबुक' लागू करेगी, जिससे स्टूडेंट्स वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से जुड़कर अपने स्किल्स को न ...और पढ़ें

    Hero Image

    AI की मदद से स्टूडेंट्स प्रदूषण, क्लाइमेट चेंज जैसे विषयों पर प्रोटोटाइप सॉल्यूशन बनाएंगे। फाइल फोटो

    रितिका मिश्रा, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार राजधानी के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के स्किल्स को बेहतर बनाने और उनकी प्रतिभा को नई दिशा देने के लिए एक नई पहल शुरू करने जा रही है। सरकार जल्द ही अपने स्कूलों में एक अपॉर्चुनिटी हैंडबुक लागू करेगी, जिससे स्टूडेंट्स पढ़ाई से आगे बढ़कर असल दुनिया की चुनौतियों से जुड़कर अपने स्किल्स और टैलेंट को निखार सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस हैंडबुक के जरिए, स्टूडेंट्स को प्रदूषण, क्लाइमेट चेंज, स्मार्ट मोबिलिटी, स्पेस और शहरी चुनौतियों जैसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण विषयों पर सोचने, समझने और प्रोटोटाइप सॉल्यूशन बनाने का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से किया जाएगा, यानी स्टूडेंट्स भविष्य की टेक्नोलॉजी के साथ अपना भविष्य बनाएंगे।

    अधिकारियों का कहना है कि यह पहल बच्चों की क्रिएटिव सोच, टीम वर्क, प्रॉब्लम सॉल्विंग क्षमता और लीडरशिप क्वालिटी को डेवलप करने का एक ज़रिया बनेगी। यह क्लासरूम को सिर्फ सीखने की जगह से बदलकर इनोवेशन स्पेस में बदल देगी, जहाँ स्टूडेंट्स अपनी पसंद के हिसाब से काम करेंगे, टीम वर्क सीखेंगे और अपने अंदर छिपे इनोवेटर को बाहर लाएंगे।

    सरकार का मानना है कि हर स्टूडेंट में कोई न कोई छिपा हुआ टैलेंट होता है। कुछ की कल्पना शक्ति अच्छी होती है, कुछ बेहतर सोचते हैं, और कुछ टेक्नोलॉजी में माहिर होते हैं। अपॉर्चुनिटी हैंडबुक इस छिपे हुए टैलेंट को पहचानने और उसे निखारने का एक प्लेटफॉर्म होगा। क्लासरूम अब सिर्फ़ पढ़ने की जगह नहीं रहेगी, बल्कि एक इनोवेशन लैब की तरह काम करेगी।

    एक्सपर्ट्स के सुझावों के आधार पर, सरकार स्पेस सेक्टर को भी शामिल करने की तैयारी कर रही है, ताकि बच्चों के सपने और भी ऊँची उड़ान भर सकें। इसके लिए इंडियन एयर फ़ोर्स के टेस्ट पायलट ग्रुप के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से सलाह ली जा रही है।

    यह हैंडबुक AI ग्राइंड वेबसाइट पर डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी, जहां स्टूडेंट्स खुद को रजिस्टर करेंगे, अपनी पसंद के क्षेत्र चुनेंगे और असल दुनिया की चुनौतियों के आधार पर AI प्रोटोटाइप डेवलप करेंगे। यह प्रोग्राम अगले छह महीनों में लागू किया जाएगा और इसमें 200 से ज्यादा इंडस्ट्री पार्टनर शामिल होंगे।

    लक्ष्य दिल्ली के 11 जिलों में लगभग पांच लाख स्टूडेंट्स तक पहुंचना, एक हजार नए प्रोटोटाइप बनाना, 100 सबसे अच्छे प्रोजेक्ट चुनना और उनमें से 50 स्टूडेंट्स को AI एंबेसडर बनाना है। यह पहल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा 7 दिसंबर को शुरू किए गए AI ग्राइंड मूवमेंट का हिस्सा है, जिसका मकसद स्टूडेंट्स और बच्चों के स्किल्स को नई दिशा देना है।