दिल्ली सरकार के स्कूलों में पांच साल में फेल हुए 3.2 लाख नौंवीं के छात्र, ड्रॉपआउट रोकने के लिए NIOS बना विकल्प
दिल्ली सरकार के स्कूलों में पिछले पांच सालों में 3.2 लाख नौवीं कक्षा के छात्र फेल हो गए हैं, जिससे ड्रॉपआउट की समस्या बढ़ गई है। सरकार अब नेशनल इंस्टी ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच शैक्षणिक वर्षों में नौवीं में फेल हुए कुल 3,20,150 छात्रों में से करीब 71,124 छात्रों को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) में वैकल्पिक शिक्षा के लिए भेजा गया। इसका मतलब है कि लगभग 22 प्रतिशत फेल छात्र सीधे एनआइओएस सिस्टम में चले गए।
राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान स्वाति मालीवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी गई। मालीवाल ने सवाल किया कि क्या सरकार जानती है कि पिछले दस वर्षों में बड़ी संख्या में फेल छात्रों को एनआइओएस में भेजे जाने के कारण सरकारी स्कूलों में ड्रापआउट रेट बढ़ा है।
राज्यसभा में शिक्षा मंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि यह कदम छात्रों को शिक्षा प्रणाली से बाहर होने से बचाने और उन्हें आगे पढ़ाई जारी रखने का मौका देने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनआइओएस के जरिए ये छात्र 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद अपने मूल स्कूल में औपचारिक शिक्षा में वापस शामिल हो सकते हैं।
एनआइओएस प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार ने नौवीं और 10वीं में फेल होने वाले छात्रों की संख्या कम करने और ड्रापआउट रोकने के उद्देश्य से शुरू किया था, जिसके तहत कमजोर और फेल छात्रों को एनआइओएस में रजिस्टर कराकर अलग से कक्षाएं कराई जाती हैं।
एनआईओएस में दाखिल कुल छात्र और फेल छात्रों का विवरण
| शैक्षणिक सत्र | कुल फेल छात्र (सभी बोर्ड में) | एनआईओएस में दाखिल कुल छात्र |
|---|---|---|
| 2020-21 | 31,541 | 11,322 |
| 2021-22 | 28,548 | 10,598 |
| 2022-23 | 88,421 | 29,436 |
| 2023-24 | 101,344 | 7,794 |
| 2024-25 | 70,296 | 11,974 |

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