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    12 साल से थी रोक, अब 2.89 लाख दिल्ली वालों का खत्म होगा इंतजार; सरकार ने राशन कार्ड को लेकर उठाया बड़ा कदम

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 07:45 PM (IST)

    दिल्ली सरकार 12 साल से बंद पड़े नए राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी। लगभग 2.89 लाख आवेदन लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। दो तरह के राशन कार्ड चल रहे हैं, और लगभग 2.5 लाख अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाए जाएंगे। ई-केवाईसी अभियान को भी तेज किया जाएगा।

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    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार जल्द ही राजधानी में वर्षों से लंबित नए राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने वाली है। वर्ष 2013 के बाद से नए राशन कार्ड बने ही नहीं हैं। लंबित आवेदनों की संख्या भी 2.89 लाख के लगभग पहुंच चुकी है। सरकार चाह रही है कि दिल्ली में कोई भी पात्र परिवार खाद्य सुरक्षा से वंचित न रह जाए।

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    बताया जाता है कि हाल ही में सीएम रेखा गुप्ता ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय गहन समीक्षा बैठक की थी। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत दिल्ली की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थिति, लाभार्थियों की संख्या, राशन वितरण व्यवस्था व लंबित आवेदनों आदि की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। सीएम ने स्पष्ट किया कि सरकार अब नए राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में और अधिक देर नहीं करेगी।

    इस दौरान सामने आया कि दिल्ली में अभी दो तरह के राशन कार्ड चल रहे हैं। पहला अंत्योदय अन्न योजना और दूसरा प्राथमिकता गृहस्थ श्रेणी। इन दोनों श्रेणियों के लाभार्थियों को केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इस समय सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कुल लाभार्थियों की संख्या 72 लाख 77 हजार 995 है।

    कुल राशन कार्ड 17 लाख 42 हजार 894 हैं। इनमें अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा शुरू में एक लाख 56 हजार 800 कार्डों का कोटा निर्धारित किया गया था, हालांकि वर्तमान में सक्रिय अंत्योदय कार्डों की संख्या करीब 66 हजार ही है। यह स्थिति दर्शाती है कि पात्र परिवारों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया में व्यापक सुधार की आवश्यकता है।

    बैठक में रद किए जाने वाले राशन-कार्ड लाभार्थियों की भी जानकारी दी गई और बताया कि कि इनमें छह लाख से ज्यादा कर योग्य आय वाले लोग 1,71,702 लोगों के नाम हैं, जो हटाए जाएंगे। डुप्लीकेट लाभार्थी जो करीब: 80,103 थे, उनके नाम भी हटाए जा सकते हैं। विभाग के पास 10,549 लोगों की सूची है, जिनके मृत्यु प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं। उनके नाम भी सत्यापन के बाद हटाए जाएंगे।

    सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को प्रभावी व मजबूत बनाने के लिए ई-केवाईसी अभियान को भी तेजी से आगे बढ़ाया जाए। वर्ष 2023 में केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सभी लाभार्थियों के आधार कार्ड से डेटा मिलान का कार्य शुरू किया गया था।

    वर्तमान में 58 लाख से अधिक लाभार्थियों का आधार मिलान डेटा उपलब्ध है, जिसमें नाम, जन्मतिथि और लिंग का प्रतिशत मिलान दर्ज किया गया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन लाभार्थियों का मिलान 50 प्रतिशत से अधिक होगा, उनके रिकॉर्ड को स्थायी रूप से मान्य कर लिया जाएगा, जबकि शेष लोगों के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

    इसके तहत एसएमएस, वॉट्सएप संदेश और उचित मूल्य दुकानों पर सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि सभी पात्र लोग अपना ई-केवाईसी पूरा कर सकें।

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