दिल्ली में जल्द ही पर्यटकों के लिए चलेंगी बैंगनी रंग की बसें, अगले महीने से शुरू होगी नई योजना
दिल्ली में पर्यटकों के लिए खुशखबरी! दिल्ली सरकार अगले महीने से बैंगनी रंग की विशेष बसें शुरू करने जा रही है। ये बसें पर्यटकों को दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराएंगी और पर्यटन को बढ़ावा देंगी। बसों में पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

दिल्ली टूर के लिए पर्यटकों के लिए चलेंगी बैंगनी रंग की बसें। (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नई दिल्ली क्षेत्र के लोकप्रिय स्थलों प्रधानमंत्री संग्रहालय से दिल्ली हाट तक का भ्रमण पर्यटक जल्द ही बैंगनी रंग से सजी बसों में कर सकेंगे। इन पर सिग्नेचर ब्रिज और भारत मंडपम जैसे ऐतिहासिक स्थलों को भी दर्शाया गया होगा। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली सरकार का पर्यटन विभाग इस सेवा को इसी माह या अगले महीने शुरू करने की योजना बना रहा है।
एक अधिकारी ने कहा, 'हम पर्यटकों के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय से भारत मंडपम, युद्ध स्मारक, नए संसद परिसर, दिल्ली हाट आदि जैसे अन्य लोकप्रिय स्थलों के लिए शाम के ट्रिप शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसके माध्यम से, हम दिल्ली आने वाले विदेशियों और पर्यटकों को लक्षित करने की योजना बना रहे हैं। हमने डीटीसी से नौ मीटर लंबी नई इलेक्ट्रिक बसें किराए पर ली हैं।'
उन्होंने कहा, 'चूंकि संग्रहालय शाम छह बजे बंद हो जाता है, इसलिए हम वहीं से ट्रिप शुरू करेंगे और फिर अन्य स्थलों की ओर बढ़ेंगे।'
बसें बैंगनी रंग की होंगी और उन पर सिग्नेचर ब्रिज, इंडिया गेट और भारत मंडपम जैसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों की तस्वीरें होंगी। अधिकारी ने बताया कि यह उन्हें सड़कों पर चलने वाली दूसरी बसों से अलग दिखाएगा। बस में यात्रा का किराया वयस्कों के लिए 500 रुपये और छह से बारह साल के बच्चों के लिए 300 रुपये होगा।
अधिकारी ने आगे बताया कि बस में एक गाइड भी होगा जो पर्यटकों को उनके द्वारा देखे जाने वाले स्थलों के महत्व के बारे में जानकारी देगा।
अपने बजट भाषण में, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार युद्ध स्मारक, कर्तव्य पथ, प्रधानमंत्री संग्रहालय और नए संसद परिसर को शामिल करते हुए एक नया पर्यटन सर्किट विकसित करेगी।
पर्यटन विभाग ने ''होप आन-होप आफ'' (हो-हो) बस माडल को पुनर्जीवित करने की योजना पर भी चर्चा की थी, जो 2020 में कोविड महामारी के कारण रुक गई थी। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली जैसी जगह के लिए यह मॉडल टिकाऊ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, 'विदेशों में, हो-हो बसें नियमित अंतराल पर उपलब्ध होती हैं। लेकिन दिल्ली में, यातायात की स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं होगा।'
अधिकारी ने आगे कहा, 'बाजारों, विरासत स्मारकों आदि जैसे लक्षित पर्यटन की योजना थी और इसके लिए चमकीले रंगों वाली बसें आवंटित की जा रही थीं। लेकिन यह महसूस किया गया कि लोग विरासत स्मारकों का दौरा तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें बसों में माल या बाजार जाना पसंद नहीं आएगा।'
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