Delhi Pollution: दिल्ली में 50% WFH लागू, दायरे में नहीं आएंगे ये कर्मचारी; रिपोर्ट से समझिए सबकुछ
दिल्ली सरकार ने राजधानी में खराब हवा की क्वालिटी के चलते सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को 50% वर्क-फ्रॉम-होम लागू करने का आदेश दिया है। श्रम मंत्री कपि ...और पढ़ें

प्रदूषण से बचने के लिए नई दिल्ली के एक पार्क में कुछ इस तरह मुंह पर मास्क लगाकर घूमते विदेशी पर्यटक। ध्रुव कुमार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी में हवा की क्वालिटी खराब होने के बीच, दिल्ली सरकार ने एक सख्त निर्देश जारी किया है, जिसमें सभी प्राइवेट और सरकारी संस्थानों को गुरुवार से अपने स्टाफ के लिए 50% वर्क-फ्रॉम-होम (WFH) पॉलिसी लागू करने का आदेश दिया गया है, ऐसा न करने पर उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। हालांकि, सवाल यह उठता है कि किन विभागों को इन नियमों से छूट दी गई है, जिससे वे कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहे बिना सामान्य रूप से काम जारी रख सकें।
इनके लिए वर्क-फ्रॉम-होम जरूरी नहीं
दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि अस्पताल, फायर डिपार्टमेंट और प्रदूषण कंट्रोल एजेंसियों जैसी जरूरी सेवाओं को वर्क-फ्रॉम-होम (WFH) नियम और कंस्ट्रक्शन बैन से छूट दी गई है। इसका मतलब है कि ये सेवाएं सामान्य रूप से काम करती रहेंगी, और उनके लिए वर्क-फ्रॉम-होम जरूरी नहीं होगा, न ही उनके ऑपरेशन या कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियां रोकी जाएंगी। यह छूट इसलिए दी गई है ताकि पब्लिक सेफ्टी और जरूरी सेवाओं में कोई रुकावट न आए।
उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
यह कदम शहर में जहरीले प्रदूषण के लेवल से निपटने के लिए GRAP III और GRAP IV (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत इमरजेंसी उपायों का हिस्सा है। दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने इसकी घोषणा करते हुए जोर दिया कि नियम न मानने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "गुरुवार से, सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को यह पक्का करना होगा कि उनके 50% कर्मचारी घर से काम करें। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
वहीं, मिश्रा ने GRAP पाबंदियों के तहत कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज बंद होने के कारण नौकरी गंवाने वाले रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूरों के लिए ₹10,000 के मुआवजे की भी घोषणा की। यह योजना GRAP III के लागू रहने के 16 दिनों के दौरान प्रभावित मजदूरों पर लागू होगी और GRAP IV की अवधि तक भी जारी रहेगी।
दिल्ली के अन्य इलाकों में कैसी रही हवा की गुणवत्ता?
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बुधवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) "गंभीर" कैटेगरी में रिकॉर्ड किया गया। सोमवार शाम 4 बजे राजधानी का औसत AQI 427 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि पिछले 24 घंटों में AQI में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में AQI 300 के आसपास बना हुआ है। रोहिणी में AQI 316, नरेला में 312, ITI शाहदरा में 312, जहांगीरपुरी में 310 और DTU दिल्ली में 301 रिकॉर्ड किया गया, ये सभी "गंभीर" कैटेगरी में आते हैं। इसके अलावा, श्रीनिवास पुरी (294), सत्यवती कॉलेज (289), सोनिया विहार (282), पूसा (280) और DU नॉर्थ कैंपस (277) जैसे इलाकों में भी हवा की क्वालिटी बहुत खराब रही।

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