Delhi Pollution: दिल्ली में टोल वसूली से बढ़ रहा जाम, सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को टोल बूथ बंद करने की दी थी सलाह
दिल्ली में टोल वसूली के कारण जाम की समस्या बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को टोल बूथ बंद करने की सलाह दी थी। इसके बावजूद, स्थिति में कोई सुधार नह ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली एमसीडी की व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूली के कारण लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए करोड़ों के खर्च के बाद भी समाधान नहीं हो रहा है। पहले टोल वसूली के लिए आरएफआईडी युक्त टोल वसूली करना। फिर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) में असमानता को खत्म करने जैसे प्रत्यन निगम ने कर लिए लेकिन अभी भी जाम की समस्या कम होने की बजाय बढ़ रही है। इसकी वजह से लोगों की परेशानी तो बढ़ ही रही है और तो और वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को यह टोल बूथ कुछ समय के लिए बंद करने तक की सलाह दे दी। एमसीडी की निर्माण समिति के चेयरमैन रहे जगदीश ममगांई कहते हैं कि टोल वसूली को खत्म करके ही जाम की समस्या का समाधान किया जा सकता है। जब तक टोल वसूली होती रहेगी तब तक राजस्व और मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसे ही वाहनों को रोका जाना जारी रहेगा और जाम भी लगेगा।
दैनिक जागरण ने यह मुद्दा विभिन्न समय पर उठाया है। हाल ही में दो दिसंबर के अंक में दैनिक जागरण ने ईसीसी की असमानता खत्म करने के बाद भी जाम लगने की समस्या उठाई थी। जिससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा खतरनाक बात यह कि दिल्ली में आने वाले डीजल के वाहन भी प्रवेश करते हैं और उस दौरान जाम की वजह वायु प्रदूषण बढ़ता है।
हालांकि, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एमसीडी फिलहाल कुछ नहीं बोल रही है। सूत्रों का कहना है कि एमसीडी सुप्रीम कोर्ट के टोल संबंंधी आदेश की लिखित कापी आने के बाद ही इस पर निर्णय लेगी। उल्लेखनीय है कि टोल खत्म करने के लिए केंद्र सरकार से लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगम के स्तर पर चर्चा हुई है। लेकिन, इसका फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को टोल खत्म करने पर विचार करने को कहा था।
इस पर एमसीडी ने टोल को अपनी राजस्व का बड़ा हिस्सा बताते हुए इसकी भरपाई करने की मांग की थी। निगम ने इस संबंध में दिल्ली सरकार को पत्र भी पिछले दिनों लिखा था। जिसमें एमसीडी ने 900 करोड़ रुपये टोल वसूली खत्म करने के एवज में सालाना देने की मांग की थी। साथ ही इसमें हर वर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की बात कही थी। इस पर अभी दिल्ली सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। दिल्ली में एमसीडी के टोल वसूली के 156 प्वाइंट हैं। इसमें 13 प्वाइंट हैं जिसमें गाजीपुर, कालिंदी कुंज से लेकर रजोकरी और अन्य टोल नाकों पर जाम लगता है। जिसकी वजह से लोग घंटों जाम में परेशान होते हैं।
अब तक क्या क्या हुआ?
- वर्ष 2000 में दिल्ली में व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूली शुरू हुई
- 1 मई 2003 से टोल वसूली को एमसीडी ने निजी कंपनी के जरिए वसूलना शुरू किया
- 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जरुरी वस्तुओं को छोड़कर प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क लेना शुरू किया
- 23 अक्टूबर 2018 को 13 टोल नाकों को आरएफआईडी टैग युक्त किया
- 1 जुलाई 2019 से आठ टोल नाकों पर आरएफआईडी से वाहनों का प्रवेश अनिवार्य किया गया
- 15 अगस्त 2019 से 13 टोल नाकों को आरएफआईडी से वाहनों का प्रवेश अनिवार्य किया गया
- 30 जून 2021 को 124 टोल नाकों पर आरएफआईडी टैग से प्रवेश को अनिवार्य किया गया
- 1 अक्टूबर 2025 से ईसीसी वसूली में होने वाली असमानता को खत्म कराया
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