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    दिल्ली में 42 दिन में एक लाख से ज्यादा कटे चालान, नियम तोड़ने की दौड़ में टू-व्हीलर सबसे आगे

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 12:11 PM (IST)

    दिल्ली में सर्दियों के शुरू होते ही स्मॉग एक बड़ी समस्या बन जाती है। प्रदूषण बढ़ने पर प्रशासन सख्त हो जाता है और ग्रेप के नियम लागू किए जाते हैं। पिछले 42 दिनों में प्रशासन ने एक लाख से ज्यादा चालान किए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा टू-व्हीलर के चालान शामिल हैं। सरकार ने पेंडिंग चालान को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि 90% से ज्यादा चालान अभी भी पेंडिंग हैं।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों के शुरू होते हुए स्मॉग एक बड़ी समस्या बन जाती है। इसके साथ ही प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगता है, जिसके कारण लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। वहीं, प्रदूषण बढ़ने से ग्रेप के नियमों को लागू कर दिया जाता है और प्रशासन भी सख्त मोड में आ जाता है। लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण फैलाने वाले मानने को तैयार नहीं। इसी के चलते पुलिस-प्रशासन ने एक्शन लेते हुए पिछले 42 दिनों में एक लाख से ज्यादा चालान किए।

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    दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) नियमों का सबसे बड़ा वायलेशन कार, ट्रक या कमर्शियल गाड़ियां नहीं, बल्कि शहर के रोजाना इस्तेमाल होने वाले टू-व्हीलर कर रहे हैं।

    टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बाद से, अधिकारियों ने पूरे शहर में 1,05,516 पीयूसीसी (PUCC) चालान किए हैं। औसतन, एक दिन में करीब 23 चालान किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, इस लिस्ट में टू-व्हीलर सबसे आगे रहे, जिनके 82,774 चालान हुए, जो सभी वायलेशन का लगभग 78 प्रतिशत है। इसके बाद कारों के 18,579 चालान हुए, जो कुल चालान का लगभग पांचवां हिस्सा है।

    टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 1.5 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड गाड़ियां हैं। सोर्स के मुताबिक, इनमें से लगभग 66.5 प्रतिशत टू-व्हीलर हैं, जबकि लगभग 26 फीसदीकार और जीप हैं।

    गाड़ी का टाइप चालान की संख्या
    टू-व्हीलर 82,774
    कार 18,579
    हल्के माल वाहन 1,615
    थ्री-व्हीलर 1,266
    कमर्शियल कार/वैन 728
    भारी परिवहन वाहन 253
    मध्यम मालवाहक वाहन 101
    बस 79
    ग्रामीण सेवा 4
    कुल योग 1,05,399

    दिल्ली सरकार ने तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है कि वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट न होने पर काटे गए 90 परसेंट से ज्यादा चालान पेंडिंग हैं, जिससे एनफोर्समेंट एक्सरसाइज पर असर पड़ा है। बुधवार को एक लेटर में, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बताया कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) पाबंदियों के लागू होने के समय जारी किए गए लगभग 75 परसेंट चालान का पेमेंट नहीं हुआ है।

    पत्र में लिखा गया कि 'आपके ध्यान में लाया जाता है कि चालान पेंडेंसी स्टेटस गाड़ियों पर एनफोर्समेंट के मामले में एक और चुनौती बनता जा रहा है।' लेटर में कहा गया है, 'इस मुद्दे को हायर ज्यूडिशियरी के साथ उठाने की जरूरत है ताकि बिना किसी पेनल्टी में कमी के पॉल्यूशन से जुड़े सभी चालान क्लियर करने का सिस्टम बनाया जा सके।'

    वहीं, पत्र में डेटा का हवाला दिया गया है, जिससे पता चला है कि पिछले साल कुल 36,225 PUCC चालान जारी किए गए थे। 36,000 से ज्यादा चालान में से 91 फीसदी पेंडिंग हैं। वैलिड PUCC न होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।

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    डिपार्टमेंट ने एक अक्टूबर, 2022 से एक मार्च, 2023 तक GRAP पाबंदियों का उल्लंघन करने वाली BS III पेट्रोल और BS IV डीजल गाड़ियों के लिए कुल 1,095 चालान जारी किए। ऑफिशियल डेटा के मुताबिक, इनमें से 75 प्रतिशत अभी भी पेंडिंग हैं।