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    Delhi Air Pollution: यमुनापार में GRAP की धज्जियां उड़ीं, जगह-जगह कूड़ा जलने से हवा दमघोंटू

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 08:01 AM (IST)

    पूर्वी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बावजूद यमुनापार क्षेत्र में खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस मामले में लापरवाही बरत रहा है और कचरा जलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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    पूर्वी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। राजधानी पिछले कई दिनों से प्रदूषण की चादर में लिपटी हुई है। हालात बदतर हो गए हैं, आंखों में जलन और खांसी की समस्या हो रही है। लोग घरों से निकलने से पहले मास्क पहन रहे हैं, फिर भी प्रदूषण बरकरार है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू है। यमुनापार क्षेत्र में GRAP की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

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    जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है, जिससे लोगों का दम घुट रहा है। बावजूद इसके नगर निगम और प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। यमुनापार क्षेत्र में कूड़े में आग लगने की सूचना के लिए अग्निशमन विभाग को रोजाना दस कॉल आ रही हैं।

    सीलमपुर, शास्त्री पार्क, उस्मानपुर, गीता कॉलोनी, मयूर विहार, गाजीपुर, सभापुर, सोनिया विहार, मुस्तफाबाद, दिलशाद गार्डन और जगतपुरी समेत कई इलाकों में कूड़ा जलाया जा रहा है। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पहले से ही भयावह है। कूड़ा जलने पर आसपास रहने वाले लोग ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं।

    सीलमपुर में तो ट्रैफिक पुलिस बूथ के ठीक पास कूड़ा जलाया जा रहा है। लेकिन पुलिस अधिकारी बेफिक्र नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए GRAP को सिर्फ़ कागज़ों पर ही लागू कर रही है। सरकारी विभाग ज़मीन पर नज़र नहीं आ रहे। कचरा जलाने और फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। सांस लेने में तकलीफ़ बढ़ती जा रही है।

    कचरा जलाने वालों को जेल भेजा जाए: डॉ. अनिल गुप्ता

    सीपीसीबी और डीपीसीसी के सदस्य डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि कचरा जलाना क़ानूनी अपराध है। कचरा जलाने वालों को जेल होनी चाहिए। वे लोगों का दम घोंट रहे हैं, यानी उन्हें मारना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण दो तरह का होता है।

    एक प्राकृतिक, जिसमें धूल, तूफ़ान और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ शामिल हैं। दूसरा मानव-जनित प्रदूषण है। मनुष्य कचरे में आग लगाकर प्रदूषण फैला रहे हैं। इस कचरे में प्लास्टिक भी होता है। कचरे से होने वाला प्रदूषण प्रकृति और मनुष्य दोनों के लिए बहुत हानिकारक है। कोई भी, चाहे सरकारी कर्मचारी हो या आम आदमी, जो कचरा जलाता है, उसके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाया जाना चाहिए और उसे जेल भेजा जाना चाहिए।

    निगम प्रदूषण को लेकर गंभीर है। प्रदूषण फैलाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। लोगों को दिल्ली में प्रदूषण की मौजूदा स्थिति को भी समझना चाहिए। उन्हें कूड़ा नहीं जलाना चाहिए।
    -रामकिशोर शर्मा, अध्यक्ष, शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र