सांसों पर संकट के बीच दिल्ली की सड़कों पर बिना PUC के धड़ल्ले से दौड़ रहे वाहन, 1.21 लाख से अधिक के कटे चालान
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच, बिना पीयूसी प्रमाणपत्र वाले वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने 1.21 लाख से अधिक चालान काटे हैं। पी ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हवा की गुणवत्ता तेजी से गिरती है और प्रदूषण हर वर्ष की तरह इस बार भी लोगों के लिए बड़ी समस्या बनकर उभरा है। सांस लेने में कठिनाइयां, आंखों में जलन और बढ़ते स्वास्थ्य जोखिमों के बीच प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण की कोशिश में जुटा है।
इसी कड़ी में ग्रेप के तहत सख्ती बढ़ाई गई है और विभिन्न एजेंसियों को नियमों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बावजूद कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं। सड़क पर बिना प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (पीयूसी) के वाहन चलाने वालों की संख्या चिंताजनक है। इसको देखते हुए दिल्ली यातायात पुलिस ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की है।
पिछले 47 दिनों में बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहनों के खिलाफ 1.21 लाख से अधिक चालान काटे गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में प्रतिदिन औसतन 2,500 से अधिक चालान जारी किए गए, जो प्रदूषण नियंत्रण नियमों की लगातार अनदेखी को दर्शाता है।
टू-व्हीलर कर सबसे आगे
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, पीयूसी नियमों का सबसे बड़ा वायलेशन कार, ट्रक या कमर्शियल गाड़ियां नहीं, बल्कि शहर के रोजाना इस्तेमाल होने वाले टू-व्हीलर कर रहे हैं। बिना पीयूसी के 92,501 दोपहिया वाहन चालकों को पकड़ा गया और उनका चालान किया गया। इससे स्पष्ट है कि दोपहिया
वाहन प्रदूषण नियंत्रण नियमों के पालन में सबसे पीछे हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर चारपहिया और अन्य वाहनों के चालक रहे, जिनके 24,579 चालान दर्ज किए गए। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि पीयूसी प्रमाणपत्र वाहन प्रदूषण की जांच और नियंत्रण के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन कई लोग इसे नजरअंदाज करते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब होती है।
पूरे वर्ष के आंकड़े भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं। इस वर्ष 30 नवंबर तक दिल्ली में कुल 7.87 लाख से अधिक चालान बिना पीयूसी प्रमाणपत्र के काटे गए हैं, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में इनकी संख्या 4.40 लाख थी। यानी इस बार नियमों का उल्लंघन लगभग दोगुना बढ़ा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर से निपटने के लिए सिर्फ प्रशासनिक सख्ती ही नहीं, बल्कि नागरिकों की जागरूकता भी बेहद जरूरी है।
क्या होती है कार्रवाई
दिल्ली में बिना वैध पीयूसीसी के वाहन चलाने पर 10 हजार तक का जुर्माना लग सकता है, साथ ही 6 महीने तक की जेल या दोनों हो सकते हैं और यह जुर्माना उल्लंघन करने वालों के घर पर ई-चालान के रूप में भी आ सकता है, क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत खासकर प्रदूषण के मौसम में यह एक गंभीर उल्लंघन है।
वहीं, बिना सही कवर के कंस्ट्रक्शन वेस्ट ले जाने वाले ट्रकों पर Rs 20 हजार का जुर्माना लगता है। इसके अलावा बीएस-3 स्टैंडर्ड से कम के बिना-दिल्ली कमर्शियल वाहनों को शहर के बार्डर पर वापस भेजा जा रहा है।
GRAP में वाहनों के काटे गए चालान
| वाहन | चालान |
|---|---|
| दो पहिया | 92,501 |
| कार | 24,579 |
| हल्के माल वाहन | 1,615 |
| थ्री व्हीलर | 1,266 |
| व्यावसायिक कार/वैन | 728 |
| भारी परिवहन वाहन | 253 |
| मध्यम मालवाहक वाहन | 101 |
| बस | 79 |
| ग्रामीण सेवा | 4 |
| अन्य | 117 |

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