दिल्ली पुलिस का ऑपरेशन 'साइ-हॉक': साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई; 877 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने 'ऑपरेशन साइ-हॉक' के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 877 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन जालसाजों पर ऑनलाइन ठगी करने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधों के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा और अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।
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दिल्ली पुलिस ने 48 घंटे में 877 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देशभर में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। एआई का इस्तेमाल और बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस दौर में साइबर अपराधी भी नए नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने झांसे में ले रहे हैं। इन जालसाजों को दबोचने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने दिल्ली भर में व्यापक स्तर पर ''साइ-हॉक'' ऑपरेशन चलाया। यह अभियान 19 नवंबर की सुबह आठ बजे से 21 नवंबर की सुबह आठ बजे तक 48 तक चला।
इस दौरान 877 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया और 4,317 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। इसके अलावा साइबर क्राइम से जुड़ी 360 नई शिकायतों पर तुरंत एफआईआर भी दर्ज की गई। इसके अलावा, पहले से पेंडिंग 160 एफआइआर वाले साइबर फ्राड मामलों के सिलसिले में साइबर स्कैमर्स को ट्रेस करके पकड़ा गया। साइबर अपराध मॉड्यूल के बैकवर्ड लिंकेज में शामिल संदिग्धों को 509 नोटिस जारी किए गए।
आपरेशन के दौरान एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के तहत बताई गई देशभर में एक हजार करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की रकम को साइबर अपराध करने वालों से जुड़े अलग-अलग म्यूल बैंक अकाउंट से जोड़ा गया। इस अभियान में दिल्ली के लगभग 180 थाने, 15 जिलों के सभी साइबर थाने, क्राइम ब्रांच की साइबर टीम और स्पेशल सेल की आइएफएसओ यूनिट टीमें शामिल रहीं। जिला स्तर पर सभी पुलिस उपायुक्तों ने इस आपरेशन को लीड किया।
आइएफएसओ के संयुक्त पुलिस आयुक्त रजनीश गुप्ता के मुताबिक, साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को खुद दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने लीड किया। पुलिस हेड क्वाटर्स से साइबर क्राइम में इस्तेमाल म्यूल बैंक खाते, म्यूल मोबाइल सिम कार्ड, ऐसे एटीएम बूथ की जानकारी जहां ठगों ने सबसे ज्यादा नकदी निकाली, चैक, ऐसे प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) जहां ट्रांजेक्शन या शापिंग के लिए कार्ड स्वैप किए गए आदि सभी जानकारी साझा की गई।
यह जानकारी मिलने के साथ ही साइबर पुलिस टीमें संदिग्ध लोगों की धरपकड़ में लग गईं। यही वजह रही कि महज 48 घंटों के भीतर ही पुलिस ने साइबर अपराध में शामिल 877 आरोपितों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
धोखाधड़ी के लिए चल रहे कई फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़
ऑपरेशन के दौरान कई गैर-कानूनी काल सेंटर बंद किए गए, जिससे फर्जी जॉब ऑफर, टेलीमार्केटिंग फ्राड, कस्टमर-केयर की नकल और टेक-सपोर्ट में धोखा देने वाले चल रहे स्कैम का भंडाफोड़ किया गया। 3,777 एनसीआरपी शिकायतों को पहचाने गए म्यूल अकाउंट और संदिग्ध मोबाइल नंबर से जोड़ा गया।
छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण उपकरण किए गए बरामद
कई जगहों पर छापेमारी के दौरान, दिल्ली पुलिस को बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण मिले, जिसमें मोबाइल फोन, लैपटाप, हार्ड ड्राइव, सिम कार्ड, डेबिट व क्रेडिट कार्ड, फाइनेंशियल रिकार्ड, डायरी और दूसरी गलत जानकारी देने वाली चीजें शामिल हैं। इन सबूतों का अब साइबर एक्सपर्ट फोरेंसिक एनालिसिस जांच कर रही हैं।
लोकल पुलिस थानों का रहा सहयोग
साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए इस आपरेशन पर सभी जिलों के साइबर थाने और क्राइम व स्पेशल सेल की साइबर यूनिट पुलिस ने काम किया। मगर इस आपरेशन को सफल बनाने में दिल्ली के सभी लगभग 180 थानों का सहयोग देखने को मिला है। संदिग्धों की धरपकड़ और पूछताछ में लोकल पुलिस ने साइबर थाना पुलिस के साथ मिलकर काम किया।
आपरेशन साइ हाक से साइबर फ्रॉड नेटवर्क की फाइनेंशियल रीढ़ को ही खत्म करके, हमने एक साफ संदेश दिया है कि साइबर अपराधियों को दिल्ली में कोई सेफ जगह नहीं मिलेगी। यह आपरेशन कोई एंडपाइंट नहीं, बल्कि एक शुरुआत है। हमारा इरादा एक साइबर-सिक्योर दिल्ली बनाना है। भारत पहले से कहीं अधिक मजबूत है। - सतीश गोलचा, दिल्ली पुलिस आयुक्त

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