संयुक्त आयुक्त ने एसआइ से कराई कान पकड़ उठक-बैठक
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त द्वारा सब इंस्पेक्टर के साथ अमानवीय
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त द्वारा सब इंस्पेक्टर के साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। सोमवार रात नाइट जीओ (राजपत्रित अधिकारी) रहे संयुक्त आयुक्त (आर्म्ड पुलिस) एसएस यादव ने टेस्ट कॉल पर निजी कार से पहुंचे मौरिस नगर थाने के सब इंस्पेक्टर रामचंदर को गालियां देने के साथ ही सड़क पर सरेआम कान पकड़कर उठक-बैठक कराई। उन्होंने नौकरी से निकलवाने की धमकी भी दी। अधिकारी के ऐसे रवैये पर थाने लौटकर एसआइ व थानाध्यक्ष ने रोजनामचा पर पूरी घटना की डीडी इंट्री कर दी। इस घटना की शिकायत पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से की गई है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस आयुक्त ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी इस घटना से संबंधित जानकारी दी है। माना जा रहा है कि कभी भी संयुक्त आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
एसआइ व थानाध्यक्ष ने रोजनामचा में लिखा है कि संयुक्त आयुक्त एसएस यादव सोमवार की रात नाइट जीओ थे। देर रात 12.30 बजे घूमते हुए वह मौरिस नगर थानाक्षेत्र में पहुंचे। पुलिसकर्मियों की सक्रियता जांचने के लिए उन्होंने खालसा कॉलेज के पास रुककर आम नागरिक बन 100 नंबर पर झपटमारी की कॉल की। सूचना मिलने पर मौरिस नगर थाने में रात्रि में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात एसआइ रामचंदर ने सरकारी बाइक से मौके पर जाना चाहा, लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हुई। एक अन्य पुलिसकर्मी से उसकी बाइक मांगी, लेकिन वह भी स्टार्ट नहीं हुई तो वह दोस्त की निजी कार लेकर मौके पर पहुंच गए। वहां उन्होंने देखा कि संयुक्त आयुक्त अपनी कार के बाहर खड़े हैं और कार में रवि नाम का युवक बैठा हुआ है। संयुक्त आयुक्त ने एसआइ रामचंदर से पूछा कि वह निजी कार से क्यों आया? इसपर उन्होंने दो बाइक स्टार्ट न होने की बात कही, लेकिन संयुक्त आयुक्त को उनकी बात पर भरोसा नहीं हुआ और वह गालियां देने लगे। संयुक्त आयुक्त जब कार में बैठने लगे तो रवि ने भी एसआइ पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। रवि की बात सुनकर एसआइ ने उसे जवाब दे दिया। यह सुनकर संयुक्त आयुक्त आग बबूला हो गए। उन्होंने एसआइ को फिर गालियां देनी शुरू कर दी और थानाध्यक्ष को तुरंत बुलाने को कहा। सूचना पाकर कुछ ही देर में थानाध्यक्ष भी वहां आ गए। उनके सामने संयुक्त आयुक्त ने सरेआम एसआइ की बेल्ट व कैप उतरवा कान पकड़कर आधे घंटे तक उठक-बैठक कराई। इस दौरान संयुक्त आयुक्त एसआइ को गालियां देते रहे। एसआइ के रोने पर उन्होंने नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। उन्होंने एसआइ से कहा कि कार में बैठा रवि गृहमंत्री का रिश्तेदार है, उसे जवाब देने की हिम्मत कैसे की। उनके जाने के बाद एसआइ रामचंदर ने जब नौकरी छोड़ खुदकशी करने की बात कही तो किसी तरह थानाध्यक्ष ने उन्हें समझाया। देर रात 1.30 बजे संयुक्त आयुक्त एसएस यादव दोबारा मौरिस नगर थाने आए और थानाध्यक्ष से एसआइ को समझाने की बात कहकर चले गए। सूत्रों के अनुसार संयुक्त आयुक्त एसएस यादव की कार में बैठा रवि मान सरोवर छात्रावास में रहता है और एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। वह खुद को गृहमंत्री का रिश्तेदार बताकर धौंस जमाता है। आरोप है कि डीयू छात्रसंघ चुनाव के दौरान उसने एसएस यादव से मौरिस नगर थाने की तत्कालीन थानाध्यक्ष आरती को फोन करवाकर उसके उम्मीदवार की मदद करने की बात कही थी।
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विवादों में रहे हैं एसएस यादव
संयुक्त आयुक्त एसएस यादव का विवादों से पुराना नाता है। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन्हें भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का मुखिया बनाया था। यादव के जरिए केजरीवाल ने कई ऐसे मामलों में भी मुकदमा दर्ज कराना चाहा जो एसीबी के दायरे में नहीं आता था। पूर्व भाजपा नेता व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने 2015 में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ में घोटाले का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस संबंध में एसीबी में मुकदमा दर्ज करवा जांच कराने का निर्णय लिया था। सूत्रों का कहना है कि एसएस यादव दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ से जुड़े एक वरिष्ठ भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को तैयार हो गए थे। इस बात की जानकारी तत्कालीन उपराज्यपाल को मिलते ही उन्होंने एसीबी का मुखिया विशेष आयुक्त मुकेश कुमार मीणा को बना दिया था। बाद में यादव को एसीबी से हटा दिया गया था।
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