दिल्ली पुलिस का आधी रात 'जनरल पेट्रोल', अपराध पर लगेगी लगाम!
दिल्ली पुलिस ने शनिवार रात 'जनरल पेट्रोल' नाम से एक बड़ा सुरक्षा अभियान चलाया। रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक चले इस अभियान का उद्देश्य अपराध पर अंकुश लगाना, मादक पदार्थों की तस्करी रोकना और जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ाना था। पुलिस आयुक्त ने स्वयं गश्त की निगरानी की और पुलिसकर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। इस दौरान कई गिरफ्तारियां हुईं और अवैध सामान जब्त किया गया।

दिल्ली पुलिस ने शनिवार रात 'जनरल पेट्रोल' नाम से एक बड़ा सुरक्षा अभियान चलाया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शनिवार रात राजधानी की सड़कों पर एक बड़ा सुरक्षा अभियान चलाया गया। दिल्ली पुलिस के सभी 15 जिलों की टीमें "जनरल पेट्रोल" नाम से एक साथ सड़कों पर उतरीं। यह अभियान शनिवार रात 12 बजे शुरू हुआ और रविवार सुबह 4 बजे तक चला। इसका उद्देश्य राजधानी में अपराध पर अंकुश लगाना, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध पर लगाम लगाना और पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाना था। यह अब तक का सबसे बड़ा रात्रि गश्ती अभियान माना जा रहा है, जिसमें सभी पुलिस शाखाएँ, थाने, जिला स्तरीय टीमें और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने व्यक्तिगत रूप से इस अभियान की निगरानी की। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी और नई दिल्ली जिलों का दौरा किया। उन्होंने सड़कों पर तैनात पुलिसकर्मियों से मुलाकात की, उनका मनोबल बढ़ाया और उन्हें गश्त के दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिए। संबंधित जिलों के उपायुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त भी मौजूद थे। आयुक्त ने व्यक्तिगत रूप से कई चौकियों का दौरा किया, वाहन जाँच प्रक्रिया का अवलोकन किया और मौके पर अधिकारियों से बात की।
अभियान के तहत, सभी जिलों की पुलिस टीमों को पहले ही स्पष्ट निर्देश दे दिए गए थे कि किन इलाकों में विशेष सतर्कता बरतनी है। प्रत्येक थाना क्षेत्र में अलग-अलग मार्गों पर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए थे। बाजारों, मॉल, मेट्रो स्टेशनों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। शहर भर के प्रमुख मार्गों और चौराहों पर बैरिकेड्स लगाए गए थे और वाहनों की गहन जाँच की गई। संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई और किसी भी संभावित अपराध को रोकने के लिए विभिन्न धाराओं के तहत कई लोगों को हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक चली गश्त के दौरान कुल 23,537 वाहनों की जाँच की गई। दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 66 के तहत 2,083, धारा 65 के तहत 14,542 और धारा 126 व 170 के तहत 480 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इसके अतिरिक्त, धारा 92, 93 और 97 के तहत 139 व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया गया, जबकि 128 अपराधियों को बीसी (गुंडा सूची) के तहत गिरफ्तार किया गया। आबकारी अधिनियम के तहत 485 मामलों में अवैध शराब और शस्त्र अधिनियम के तहत 74 मामलों में अवैध हथियार जब्त किए गए।
"सामान्य गश्त" का उद्देश्य केवल गश्त करना ही नहीं, बल्कि अपराध-प्रवण क्षेत्रों की पहचान करना भी था ताकि विशेष निगरानी रखी जा सके। यह पहल अपराधियों में भय पैदा करने और आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना बढ़ाने के लिए की गई थी। कई स्थानों पर पुलिस की अचानक उपस्थिति ने संदिग्ध गतिविधियों को रोका और कई अपराधियों को मौके पर ही पकड़ लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में बढ़ते यातायात, रात्रिकालीन व्यावसायिक गतिविधियों और त्योहारों को देखते हुए यह गश्त आवश्यक थी। इससे न केवल अपराध पर अंकुश लगेगा, बल्कि जनता में यह विश्वास भी पैदा होगा कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने बताया कि अपराधियों पर दबाव बनाए रखने और कानून-व्यवस्था को पूरी तरह नियंत्रण में रखने के लिए ऐसी गश्त नियमित रूप से जारी रहेगी।
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