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    Petrol-Diesel के बाद अब CNG: दिल्ली में इन गाड़ियों को नहीं मिलेगी गैस, कल से सरकारी नियम लागूू

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 10:21 PM (IST)

    दिल्ली में अब कुछ खास वाहनों को CNG नहीं मिलेगी, क्योंकि गुरुवार से सरकारी नियम लागू हो रहे हैं। यह नियम पेट्रोल और डीजल वाहनों के बाद आया है। दिल्ली ...और पढ़ें

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    दिल्ली में गुरुवार से बिना वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। फाइल फोटो

    स्टेट ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में गुरुवार से बिना वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट वाले वाहन पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं भरवा पाएंगे। यह नियम सभी वाहनों पर लागू होता है, चाहे वे पेट्रोल, डीजल या CNG से चलते हों। यह नियम सभी वाहनों के लिए लागू किया गया है।

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    वहीं, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड नॉन-BS-VI गाड़ियों को भी शहर में एंट्री नहीं मिलेगी। बॉर्डर पर 126 चेकपॉइंट और 580 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे, साथ ही 37 पेट्रोलिंग वैन भी होंगी। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की एनफोर्समेंट टीमें नियमों का सही से पालन करवाने के लिए पेट्रोल पंप और बॉर्डर चेकपॉइंट पर मौजूद रहेंगी।

    पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन और सीनियर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ एक रिव्यू मीटिंग भी की। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि यह सिस्टम पेट्रोल पंप पर ANPR कैमरों, वॉयस अलर्ट और पुलिस के सहयोग से लागू किया जाएगा।

    उन्होंने कहा, “प्रदूषण कंट्रोल सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। PUC सर्टिफिकेट के बिना फ्यूल देना मना है, और सभी डीलरों को इसका पालन सुनिश्चित करने में सहयोग करना चाहिए।”

    ट्रैफिक और प्रदूषण कम करने के लिए टेक्नोलॉजिकल पहल

    दिल्ली सरकार ट्रैफिक मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए गूगल मैप्स के साथ पार्टनरशिप की संभावनाओं पर भी विचार कर रही है। मंत्री ने गूगल मैप्स के अधिकारियों के साथ एक हाई-लेवल मीटिंग की, जिसमें ट्रैफिक सिग्नल के साथ डेटा इंटीग्रेशन और भीड़भाड़ वाले इलाकों की पहचान पर चर्चा हुई। सिरसा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कम से कम 100 नए ट्रैफिक हॉटस्पॉट की पहचान करना और वहां समाधान लागू करना है। अगली मीटिंग में एक डिटेल एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा और उसकी समीक्षा की जाएगी।

    धूल और कचरा प्रदूषण पर बड़ा एक्शन

    PWD ने गड्ढों की निगरानी के लिए एक परमानेंट सिस्टम भी शुरू किया है, जहां एक थर्ड-पार्टी एजेंसी सर्वे करेगी और 72 घंटे के अंदर मरम्मत सुनिश्चित करेगी। एक इंडिपेंडेंट एजेंसी पूरे साल गड्ढों का डेटा भी इकट्ठा करेगी और प्रदूषण कंट्रोल उपायों के ऑन-ग्राउंड इम्प्लीमेंटेशन का ऑडिट करेगी।