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    दिल्लीवालों के लिए राहत की खबर, मातृ मृत्यु दर में आई कमी; बेरोजगारी का ग्राफ भी राष्ट्रीय स्तर से नीचे

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 11:38 PM (IST)

    दिल्ली के निवासियों के लिए खुशखबरी है! दिल्ली में मातृ मृत्यु दर में गिरावट आई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। इसके अतिरिक्त, बेरोजगारी दर भी राष्ट्रीय ...और पढ़ें

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    दिल्ली में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 2019 में 0.55 से मामूली रूप से घटकर 2024 में 0.44 हो गया है।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 2019 में 0.55 से मामूली रूप से घटकर 2024 में 0.44 हो गया है। दिल्ली सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी दिल्ली में जन्म और मृत्यु पंजीकरण पर वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में एमएमआर 2019 में 0.55 से घटकर 2024 में 0.44 हो गई है।

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    रिपोर्ट में कहा गया है कि नमूना पंजीकरण प्रणाली के अनुसार 2022 में दिल्ली में महिलाओं की शादी की औसत आयु 24.6 वर्ष थी, जो 2011 से 2.2 वर्ष अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर औसत आयु 22.7 वर्ष थी, जो 2011 से 1.5 वर्ष अधिक है।

    रिपोर्ट में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रसव के दो दिनों के भीतर स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से प्रसवोत्तर देखभाल प्राप्त करने वाली माताओं का प्रतिशत 2015-16 के अनुसार 62.3 प्रतिशत से बढ़कर 2019-21 में 85.4 प्रतिशत हो गया है।

    रिपोर्ट में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के जोखिम पर भी ज़ोर दिया गया है। गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया प्रीटर्म डिलीवरी, कम वज़न वाले बच्चे और बच्चे के लिए आयरन के कम रिज़र्व जैसे खराब रिप्रोडक्टिव नतीजों से जुड़ा होता है, जिससे बच्चे का विकास ठीक से नहीं हो पाता।

    रिपोर्ट में चेताया गया है कि एनीमिया को कम करने में नाकाम रहने से लाखों महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता खराब हो सकती है, और बच्चे के विकास और सीखने में भी रुकावट आ सकती है।

    आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 15-49 साल की उम्र की महिलाओं में एनीमिया के मामलों में कमी देखी गई है, जो 2015-16 में 54.3 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 49.9 प्रतिशत हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 2015-16 में 53.1 प्रतिशत से बढ़कर 2019-21 में 57 प्रतिशत हो गई है।

    बेरोजगारी दर पुरुषों में 2.2 प्रतिशत

    दिल्ली में बेरोजगारी दर पुरुष व महिला दोनों के लिए राष्ट्रीय औसत से कम रही। 2023-24 में, राजधानी में बेरोजगारी दर पुरुषों के लिए 2.2 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 1.5 प्रतिशत थी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह क्रमशः 3.2 प्रतिशत और 3.1 प्रतिशत है।

    दिल्ली में महिलाओं को शिक्षिका की नौकरी ज्यादा पसंद

    दिल्ली में महिलाएं शिक्षा के पेशे की ओर अधिक झुकाव रखती हैं। खासकर प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रत्येक 100 पुरुषों पर 415 महिला शिक्षक दर्ज की गईं। हालांकि, पूरे कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में काफी कम बनी रही।

    दिल्ली सरकार के आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी दिल्ली में महिला एवं पुरुष-2025 रिपोर्ट में शिक्षण के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में लगातार वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राथमिक स्तर पर प्रति 100 पुरुष शिक्षकों पर महिला शिक्षकों की संख्या 2012-13 में 363 से बढ़कर 2024-25 में 415 हो गई। दिल्ली में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में भी सुधार दर्ज किया गया, जो 2022-23 में 49.08 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 50.57 प्रतिशत हो गया।