Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में अब लकड़ी से नहीं, सिर्फ गोबर के कंडों से होगा अंतिम संस्कार; MCD का सख्त आदेश

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 09:24 PM (IST)

    दिल्ली नगर निगम ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए दाह संस्कार में गाय के गोबर के कंडों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। एमसीडी ने अधिकारियों को चार श्मशान घाटों में केवल गोबर के कंडे इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। सत्या शर्मा ने कहा कि भविष्य में एक्सटेंशन केवल गोबर के कंडे इस्तेमाल करने वालों को ही मिलेगा। निगम गोबर के कंडे बनाने की मशीनें लगाएगा और डेयरियों के लिए भी यह अनिवार्य होगा।

    Hero Image

    दिल्ली नगर निगम ने दाह संस्कार में गाय के गोबर के कंडों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में एयर पॉल्यूशन कम करने और पर्यावरण को बचाने के लिए, दिल्ली नगर निगम (MCD) अब दाह संस्कार के लिए गाय के गोबर के कंडों का इस्तेमाल जरूरी कर रहा है। साथ ही, लकड़ी की जगह गाय के गोबर के कंडों का इस्तेमाल भी लागू कर रहा है। MCD ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह पक्का करें कि चार श्मशान घाट सिर्फ गाय के गोबर के कंडों से ही चलें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एयर पॉल्यूशन पर एक हाई-लेवल मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए स्टैंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन सत्या शर्मा ने पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि आने वाले सालों में, सिर्फ उन्हीं श्मशान घाटों को चलाने वाली संस्थाओं को कॉर्पोरेशन से एक्सटेंशन मिलेगा जो दाह संस्कार के लिए गाय के गोबर के कंडों का इस्तेमाल करेंगे।

    मीटिंग के बाद सत्या शर्मा ने कहा कि साफ, पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल प्रोसेस को बढ़ावा देने के लिए श्मशान घाटों में दाह संस्कार के लिए गाय के गोबर के कंडों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने MCD से गाय के गोबर के कंडों और दाह संस्कार के लिए लकड़ी के लट्ठे बनाने के लिए गाय के गोबर के गोबर के कंडों में मशीनरी लगाने की अपील की।

    यह प्रोसेस कम से कम चार गाय के गोबर ... कॉर्पोरेशन भविष्य में इस काम के लिए मशीनें लगाने का इंतजाम करेगा। डेयरियों को भी गाय के गोबर के उपले बनाना जरूरी किया जाना चाहिए। वेटेरिनरी डिपार्टमेंट को भी ऐसा न करने वालों के खिलाफ़ एक्शन लेना चाहिए।

    सत्य शर्मा ने कहा कि इस पहल से पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और साफ़-सुथरे, पारंपरिक दाह संस्कार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने संबंधित डिपार्टमेंट को मीटिंग में लिए गए फैसलों को समय पर और असरदार तरीके से लागू करने का निर्देश दिया।

    यह ध्यान देने वाली बात है कि पंचकुइंया रोड श्मशान घाट और निगम बोध श्मशान घाट पर पहले से ही ऐसे तरीके अपनाए जा रहे हैं। हालांकि, सिर्फ गाय के गोबर के उपलों से दाह संस्कार अभी कहीं भी उपलब्ध नहीं हैं। ये श्मशान घाट लकड़ी के इस्तेमाल को कम करने के लिए लकड़ी के साथ गाय के गोबर के उपले और लकड़ियां भी देते हैं। दिल्ली में हर साल लगभग 300 से 400 दाह संस्कार होते हैं। हर दाह संस्कार में लगभग 500-700 kg लकड़ी लगती है।