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Delhi MCD Election: चुनावी वादों पर विशेषज्ञ बोले 'वेतन के लिए पैसे नहीं तो रेवड़ियों के लिए धन कहां से आएगा'

Delhi MCD Election 2022 दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 के लिए घोषणा पत्रों में विभिन्न दलों ने तमाम लोकलुभावनी घोषणाएं की हैं। अब विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि वादों को पूरा करने के लिए धन कहां से आएगा?

By Jagran NewsEdited By: JP YadavPublished: Tue, 29 Nov 2022 07:46 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 07:54 AM (IST)
Delhi MCD Election: चुनावी वादों पर विशेषज्ञ बोले 'वेतन के लिए पैसे नहीं तो रेवड़ियों के लिए धन कहां से आएगा'
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 04 दिसंबर को मतदान होगा।

नई दिल्ली/नोएडा [संदीप कुमार]। दिल्ली में नगर निगम चुनाव 2022 के बीच राजनीतिक दलों ने वादों का पिटारा खोल दिया है। मुफ्त की घोषणाएं करने में हर पार्टी खुद को आगे दिखाने की होड़ में लगी है। लेकिन, जमीनी हकीकत ये है कि कंगाल हो चुके एमसीडी की हालत ऐसी नहीं है कि अगले पांच साल तक मुफ्त की घोषणाओं को पूरा किया जा सके। यही नहीं मौजूदा समय में एमसीडी की आय के जो स्रोत हैं, वह भी ऐसी रेवड़ियां बांटने की इजाजत नहीं देते हैं। यह कहना है दिल्ली नगर निगम में निर्माण समिति के पूर्व चेयरमैन जगदीश ममगाई का, वह सोमवार को दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में आयोजित जागरण विमर्श में बोल रहे थे।

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निगम की आय का स्रोत बढ़ाने पर हो बात

उन्होंने कहा कि नगर निगम का बंटवारा करके एमसीडी को राजनीतिक दलों ने जो जख्म दिया था, सियासी खींचतान के चलते दस सालों में वह नासूर बन चुका है। एमसीडी के एकीकरण के बाद इसके उपचार की शुरूआत जरूर हुई है, लेकिन इसके भरने में अभी लंबा वक्त लगेगा। एमसीडी को समृद्ध करने के लिए मुफ्त की घोषणाएं करने के बजाय राजनीतिक दलों को इसकी आय के स्रोत बढ़ाने पर बात करनी चाहिए।

केंद्र-राज्य सरकार के बीच झगड़े ने बढ़ाई दिक्कत

आय के स्रोत कम होते जा रहे हैं, केंद्र और राज्य सरकारें एमसीडी के हिस्से का फंड देने के नाम पर ही उन्हें दौड़ा रही हैं। आधा-अधूरा फंड दे रही हैं, वह भी एहसान जताकर। ऐसे में कर्मचारियों का वेतन और पेंशन देना ही एमसीडी के लिए मुश्किल हो रहा है, मुफ्त की योजनाएं कैसे पूरी हो सकेंगी। वजह यह है कि पिछले दस सालों में केंद्र और राज्य सरकार के झगड़े के बीच निगम का खजाना खाली हो चुका है।

4 दिसंबर को होगा 250 वार्डों के लिए मतदान

यहां पर बता दें कि घाटे में चलने के चलते ही दिल्ली नगर निगम का एकीकरण किया गया है। इसके बाद आगामी 04 दिसंबर को मतदान होगा और 07 दिसंबर को मतणना होनी है। इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा मुख्य मुकाबले में आम आदमी पार्टी है, जो कई सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी लगातार चौथी पर दिल्ली एमसीडी में जीत के लिए जोर लगा रही है। 


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