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    दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ने की उम्मीद, क्या होगा नया दाम?

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 03:36 PM (IST)

    दिल्ली सरकार 17 साल बाद दिल्ली में कृषि भूमि के सर्किल रेट को फिर से निर्धारित करने की तैयारी कर रही है। किसानों ने 8.5 करोड़ से 10 करोड़ प्रति एकड़ तक का सर्किल रेट सुझाया है। किसानों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भूमि अधिग्रहण के संबंध में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने का अनुरोध किया है। दिल्ली पंचायत संघ ने सर्कल रेट बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ करने का अनुरोध किया है।

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    दिल्ली सरकार 17 साल बाद दिल्ली में कृषि भूमि के सर्किल रेट को फिर से निर्धारित करने की तैयारी कर रही है।

    वी.के. शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार 17 साल बाद दिल्ली में कृषि भूमि के सर्किल रेट को फिर से निर्धारित करने की तैयारी कर रही है। इसके जवाब में, दिल्ली के किसानों ने ₹8.5 करोड़ से ₹10 करोड़ प्रति एकड़ तक का सर्किल रेट सुझाया है।

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    कई गाँवों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किसानों की भूमि अधिग्रहण के संबंध में 17 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में हुई बैठक में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने का अनुरोध किया है।

    सर्किल रेट के संबंध में सुझाव देने की समय सीमा 15 अक्टूबर को समाप्त हो गई। दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट वर्तमान में ₹53 लाख प्रति एकड़ है, जो 2008 से नहीं बढ़ा है।

    दिल्ली के 200 से ज़्यादा गांवों में अभी भी खेती हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि 50,000 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन पर खेती हो रही है। ये किसान पिछले कई सालों से सरकार पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं।

    सरकार द्वारा सब-सर्किल रेट बढ़ाने के संबंध में सुझाव मांगे जाने के बाद, विभिन्न क्षेत्रों के निवासियों ने सुझाव दिए हैं। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सुझाव 5 करोड़ एकड़ से लेकर 10 करोड़ एकड़ कृषि योग्य भूमि तक के हैं।

    दिल्ली पंचायत संघ ने सर्कल रेट संबंधी अपने प्रस्तावों में अनुरोध किया है कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में किसानों की कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ किया जाए।

    पंचायत संघ के प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि सभी कृषि भूमि के लिए सर्कल रेट एक समान होना चाहिए, चाहे वह नदी क्षेत्र में हो, बंजर भूमि में हो या किसी अन्य प्रकार की कृषि भूमि में हो। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में उचित मूल्य और समान सम्मान मिले।

    पंचायत संघ ने यह भी सुझाव दिया कि गांवों में आवासीय भूमि का सर्कल रेट न्यूनतम रखा जाए, ताकि किसानों और ग्रामीणों के लिए भूमि का मूल्य बढ़ सके और वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

    इस बीच, बाहरी दिल्ली के 12 गांवों ने प्रस्तावित सर्कल रेट प्रस्तावों में उत्तर पश्चिम दिल्ली जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के उस पत्र को शामिल करने की अपील की है, जिसमें भूस्वामियों ने पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए अपनी भूमि के भुगतान की मांग की थी।

    उत्तरी दिल्ली के 12 गाँवों में भूमि मूल्यांकन दरें निर्धारित करने के लिए बाज़ार दर समिति (एमआरसी) की बैठक बुलाई गई थी। कृषि भूमि के लिए सर्किल रेट पुनर्निर्धारण हेतु सुझाव देने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर थी। इसके बाद, 17 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली के अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट (एडीएम) की अध्यक्षता में 26वीं एमआरसी बैठक हुई, जिसमें गाँवों ने भूमि मूल्यांकन संबंधी अपने सुझाव प्रस्तुत किए।

    किस गांव के लोगों ने कौन से सर्किल रेट के प्रस्ताव प्रस्तुत किए?

    गांव प्रति एकड़ प्रस्तावित दर (करोड़ों में)
    तिगीपुर 6
    खामपुर 8.5
    हामिदपुर 5.5
    झंगोला 5.25
    बंकनेर 7
    भोरगढ़ 6.6
    लामपुर 5

    सरकार द्वारा प्रस्तावित जमीन की कीमतें

    गांव प्रति एकड़ बाज़ार मूल्य (करोड़ों में)
    हामिदपुर 5
    बख्तावरपुर 5.875
    बंकनेर 5.375
    खामपुर 3.3
    भोरगढ़ 5.675
    लामपुर 4.375
    दरियापुर कलां 4.375

    पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के किसानों के साथ बहुत अन्याय हुआ है। 2008 से कृषि भूमि के सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई है, और तब से मुद्रास्फीति आसमान छू रही है। सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे हैं। हम ग्रामीण मांग करते हैं कि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा कृषि भूमि अधिग्रहण के संबंध में 17 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली स्थित एडीएम कार्यालय में हुई बैठक को इस मामले में ध्यान में रखा जाए। इस बैठक में किसानों ने अपनी ज़मीन को लेकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।

    -पारस त्यागी, संस्थापक, युवा संस्कृति, विधि एवं पर्यावरण केंद्र