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    अब दिल्ली के अस्पतालों में चादर बताएगी दिन, इंफेक्शन पर लगेगा लगाम

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:36 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वच्छता के लिए कलर-कोडिंग बेडशीट प्रणाली शुरू की है। 'कायाकल्प' पहल के तहत, हर दिन अलग रंग की बेडशीट का उपयोग होगा। इस प्रणाली से संक्रमण का खतरा कम होगा और मरीजों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा। सरकार का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।

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    दिल्ली सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वच्छता के लिए कलर-कोडिंग बेडशीट प्रणाली शुरू की है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बेहतर स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण और मरीजों के लिए एक सकारात्मक माहौल प्रदान करने हेतु दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में कलर-कोडिंग बेडशीट प्रणाली लागू की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में "कायाकल्प" पहल के तहत शुरू की गई इस नई प्रणाली की घोषणा बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने की।

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    इस योजना के तहत, अब सभी सरकारी अस्पतालों में सप्ताह के प्रत्येक दिन एक विशिष्ट रंग की बेडशीट का उपयोग किया जाएगा। रंगों का क्रम इस प्रकार है: सोमवार: सफेद, मंगलवार: गुलाबी, बुधवार: हरा, गुरुवार: बैंगनी, शुक्रवार: नीला, शनिवार: हल्का स्लेटी और रविवार: पीच। सभी अस्पतालों में इन सात रंगों की बेडशीट का पर्याप्त स्टॉक होगा, जिससे प्रतिदिन बेडशीट बदलना सुनिश्चित होगा। नए लिनेन की खरीद में गुणवत्ता और एकरूपता पर विशेष ध्यान दिया गया है।

    संक्रमण दर कम करने की एक प्रभावी पहल

    दावा किया गया है कि प्रतिदिन बेडशीट बदलने से अस्पताल में होने वाले संक्रमण का खतरा कम होगा। मरीजों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा, उनका मनोबल बढ़ेगा और अस्पतालों में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। बताया गया कि केंद्र सरकार के "कायाकल्प" कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के अनुसार दूषित कपड़ों को अलग से संभालना, अलग से परिवहन करना और गर्म पानी से धोना अनिवार्य है। रंग-कोडिंग प्रणाली इन मानकों के अनुपालन को सुगम बनाएगी और अस्पताल कर्मचारियों को रोटेशन प्रणाली के प्रबंधन में सहायता करेगी।

    मरीजों के हित में एक बड़ा कदम

    यह दावा किया गया कि दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। यह सात-रंग प्रणाली स्वच्छता मानकों को मजबूत करेगी, अस्पताल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाएगी और सरकारी अस्पतालों में एक स्वच्छ, सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण बनाएगी।