दिल्ली HC ने वैज्ञानिक साक्ष्य और पीड़िता के बयान पर बरकरार रखी दोषी की सजा, आरोपी ने डियर पार्क में किया था दुष्कर्म
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2017 के हौज खास डियर पार्क दुष्कर्म मामले में दोषी राजा की अपील खारिज कर दी है। अदालत ने वैज्ञानिक सबूतों और पीड़िता के बयान को महत ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 2017 में हौज खास विलेज स्थित डियर पार्क में दुष्कर्म मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी की अपील याचिका को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने पेश किए गए वैज्ञानिक साक्ष्यों व पीड़िता की गवाही पूरी तरह से सुसंगत मानते हुए दोषी राजा की जमानत रद कर दी। पीठ ने कहा कि पीड़िता के कपड़ों से लिए गए खून सहित अन्य नमूने दोषी के खून के नमूने फोरेंसिक की जांच में एक समान पाए गए हैं।
अदालत ने सहमति से शारिरिक संबंध बनने की दोषी की दलील को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि पीड़िता उससे कुछ ही क्षण पहले मिली थी और आधी रात हो चुकी थी। वे एक अंधेरे और सुनसान इलाके में थे। अभियोक्ता ने लगातार कहा है कि अपीलकर्ता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसका यौन उत्पीड़न किया था।
पीठ ने कहा कि पीड़िता ने हौज खास विलेज स्थित डियर पार्क के एक अंधेरे सुनसान हिस्से में ले जाकर पत्थर से धमकाए जाने, कपड़े उतारने के लिए मजबूर करने और जबरन यौन संबंध बनाने का स्पष्ट और सुसंगत विवरण दिया। यह तथ्य कि वह इसके बाद सीधे पुलिस स्टेशन गई और बिना किसी देरी के उसका बयान दर्ज किया गया, अभियोजन पक्ष के बयान को मजबूत करता है। राजा ने 2018 में ट्रायल कोर्ट द्वारा दुष्कर्म के लिए दी गई दोष सिद्धि के खिलाफ दायर अपील दायर की थी।

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