Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi News: टिंडर के जरिए मिली महिला से दुष्कर्म के मामले में दोषी की सजा हाईकोर्ट ने की निलंबित

    By Vineet TripathiEdited By: Pradeep Kumar Chauhan
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 05:36 PM (IST)

    Delhi News पीठ ने कहा कि रिकार्ड में मौजूद सुबूतों और अपीलकर्ता के वकील द्वारा बताई गई कमियों को ध्यान में रहते हुए पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा सुनाई गई सजा निलंबित करती है।साथ ही उसे 25 हजार रुपये निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।

    Hero Image
    Delhi News: कोर्ट ने 25 हजार रुपये निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।

    नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आनलाइन डेटिंग एप टिंडर के जरिए मिली महिला को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी करार देते हुए सुनाई गई सजा को दिल्ली हाई कोर्ट ने निलंबित कर दिया।न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला द्वारा इंटरनेट मीडिया पर डाले गए ब्लाग या पोस्ट यह दर्शाते हैं कि उसे विवाह से आपत्ति थी और वह लिव-इन रिलेशनशिप का समर्थन करती थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीठ ने कहा कि रिकार्ड में मौजूद सुबूतों और अपीलकर्ता के वकील द्वारा बताई गई कमियों को ध्यान में रहते हुए अदालत पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा सुनाई गई सजा निलंबित करती है।साथ ही उसे 25 हजार रुपये निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान दोषी ने दलील दी थी कि वह शादीशुदा है यह शिकायतकर्ता को पहले से पता था और वे आनलाइन डेटिंग एप पर मिले थे।

    यह एप कैजुअल डेटिंग के लिए जाना जाता है। उसने कहा कि महिला के ब्लाग पोस्ट से पता चलता है कि वह खुद शादी के विचार में विश्वास नहीं करती थीं। निचली अदालत ने अपीलकर्ता को दुष्कर्म के आरोप में दस साल के कठोर कारावास की सजा और छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।वहीं, भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा-313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात) के आरोपों से बरी कर दिया था। 

    उधर, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम के तहत चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

    दस महीने की कैद पर रिहाई का निर्णय देने के निचली अदालत के निर्णय में संधोधन करते हुए न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता व अनीश दयाल की पीठ ने कहा कि आदेश बेहद गलत था। अदालत ने साथ ही दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि दोषी को जेल अधिकारियों को साैंपा जाए।सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि घटना के समय पीड़िता की उम्र चार की थी और उसका बयान विवादित नहीं था।

    ये भी पढ़ें-  Delhi BJP Sammelan: बीजेपी के सम्मेलन के चलते संडे को रूट डायवर्ट, देखें ट्रैफिक एडवाइजरी