CCTV कैमराें की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका खारिज, रद करने के पीछे क्या है वजह?
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि हर चीज सार्वजनिक नहीं हो सकती और सहभागी लोकतंत्र का यह मतलब नहीं है कि कोई भी सीमाओं पर युद्ध में भाग ले। अदालत ने यह भी कहा कि याचिका स्वीकार करने से याचिकाकर्ता को पुलिसिंग के अधिकार मिल जाएंगे, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करने के निर्देश देने की मांग वाली सेव इंडिया फाउंडेशन की जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि हर चीज सार्वजनिक डोमेन में नहीं हो सकती। पीठ ने कहा कि सहभागी लोकतंत्र का मतलब यह नहीं है कि कल याची सीमाओं पर युद्ध में भाग लेंगे। ऐसे प्रार्थनाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
पीठ ने कहा कि अगर यह प्रार्थना स्वीकार कर ली जाती है, तो यह याचिकाकर्ता को पुलिसिंग के अधिकार प्रदान करने के समान होगा। अदालत ने जोर देकर कहा कि इस तरह की याचिका की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए गैर सरकारी संगठन सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी। याचिका में राजधानी में लगे सीसीटीवी कैमरों की फीड अपलोड और साझा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी।
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