दिल्ली HC ने Delhi Police की विश्वसनीयता पर उठाया सवाल, कहा- वीडियो या फोटो बिना बयान पर नहीं है विश्वास
दिल्ली हाई कोर्ट ने ड्रग्स तस्करी मामले में तलाशी की वीडियोग्राफी न होने पर पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि मादक पदार्थों के मामलों में तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी जरूरी है। अदालत ने दो विदेशी नागरिकों की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिन पर ड्रग्स तस्करी और निर्माण का आरोप है, क्योंकि उनके आवास से नशीले पदार्थ बरामद हुए थे। आरोपियों ने बरामदगी की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया था।

दो विदेशी नागरिकों की जमानत याचिका खारिज करते हुए पीठ ने की टिप्पणी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामले में की गई तलाशी व जब्ती की वीडियो व फोटोग्राफी न करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया।
एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने कहा कि मादक पदार्थों के मामलों में की गई तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी न होने के आधार पर पुलिस के बयान पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल पुलिस जांच की प्रभावशीलता और पारदर्शिता को बढ़ाता है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि पहले जांच अधिकारियों के पास वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी उपलब्ध नहीं थी।
हालांकि, पीठ ने वर्ष 2021 में ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामले में विदेशी नागरिक स्टेनली चिमेइजी अलासोनी और हेनरी ओकोली को जमानत देने से इन्कार कर दिया। पुलिस के अनुसार चार अप्रैल 2021 को आरोपितों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 500-500 ग्राम हेरोइन बरामद की गई।
जांच के दौरान मोहन गार्डन स्थित उनके आवास पर की गई छापेमारी में चार किलोग्राम रासायनिक पाउडर और नशीली दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न वस्तुएं बरामद हुईं थीं।
पुलिस ने आरोप लगाया कि यह केवल दोनों आरोपिताें के कब्जे से बरामदगी का मामला था, बल्कि वे नशीली दवाओं के निर्माण में भी शामिल थे। जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह दलील दी गई कि आरोपितों का भारत में कोई स्थायी पता नहीं है और उनके भाग जाने का खतरा है।
वहीं, जमानत की मांग करते हुए आराेपितों ने दावा किया कि बरामदगी के समय कोई वीडियो या फोटोग्राफी नहीं कराई गई थी। इससे बरामदगी की प्रामाणिकता पर गंभीर संदेह पैदा हाेता है। पीठ ने तर्कों को ठुकराते हुए कहा कि ड्रग्स बरामदगी का कोई स्वतंत्र गवाह नहीं था, लेकिन इसे जमानत देने का आधार नहीं माना जा सकता।

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