पुलिस-वकीलों के बीच मामला सुलझाने की जरूरत : हाई कोर्ट
तीस हजारी अदालत विवाद की घटना के बाद अदालतों में पुलिस के बजाए अन्य एजेंसी को लगाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दि ...और पढ़ें

- अदालतों में पुलिस के बजाय अन्य एजेंसी को लगाने की मांग खारिज
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
तीस हजारी अदालत विवाद की घटना के बाद अदालतों में पुलिस के बजाय अन्य एजेंसी को लगाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस वक्त जरूरी है कि दोनों के बीच मामला सुलझे। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि इस तरह की याचिका मामले को सुलझाने में मदद नहीं करेंगी। हालांकि, पीठ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश स्टैंडिग काउंसल अनिल सोनी से कहा कि केंद्र सरकार अगर चाहे तो पुलिस को अतिरिक्त प्रशिक्षण दिलाए जाने पर विचार कर सकती है अगर जरूरत हो तो।
याचिकाकर्ता रीपक कंसल व यदुनंदन बंसल की तरफ से दायर याचिका में दावा किया गया कि 2 नवंबर के विवाद के बाद अदालतों में पुलिस के बजाय किसी अन्य सुरक्षा एजेंसी को लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने 2 नवंबर को हुई घटना में वकीलों पर फायरिग करने व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले पुलिसकर्मी व अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। हालांकि, पीठ ने याचिकाकर्ताओं की मांग को ठुकराते हुए याचिका को खारिज कर दिया। 2 नवंबर को पार्किग विवाद के बाद पुलिस व वकीलों के बीच हिसक झड़प हुई थी। इस दौरान पुलिस की तरफ से हुई फायरिग में एक अधिवक्ता को गोली लगी थी। हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया है। वहीं, वकीलों की गिरफ्तारी पर रोक भी लगाई है। कोर्ट ने गत दिनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी बलपूर्वक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी।

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