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    उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को उपलब्ध कराएं बेहतर डिजिटल सुविधाएं : उच्च न्यायालय

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 12:30 AM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए डिजिटल सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई है। अदालत ने अधिकारियों को डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए। यह निर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया। अदालत ने दिल्ली सरकार को इस मामले पर विचार करने का भी निर्देश दिया है।

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    दिल्ली उच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए डिजिटल सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई है। 

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस आधुनिक युग में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए डिजिटल पहुंच की कमी को लेकर अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।

    मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अधिकारियों को विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को बेहतर डिजिटल पहुँच प्रदान करने और डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।

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    पीठ ने यह टिप्पणी 12वीं कक्षा की छात्रा नोरा बेनीवाल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बेहतर कार्यान्वयन की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि शिक्षा तक पहुँच में डिजिटल विभाजन चिंता का विषय है और इसे दूर किया जाना चाहिए।

    याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच एक डिजिटल विभाजन को दर्शाता है। पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा में विभिन्न सुधार सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति जारी की गई थी।

    पीठ ने कहा कि नीति में संबोधित चिंताओं में से एक उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल पुस्तकालयों और डिजिटल बुनियादी ढांचे के प्रावधान से संबंधित है।

    पीठ ने याचिकाकर्ता को दिल्ली सरकार को एक विस्तृत आवेदन प्रस्तुत करके अपना पक्ष रखने की अनुमति दी। साथ ही, अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस आवेदन पर विचार करें और उचित निर्णय लें।

    न्यायालय को यह भी उम्मीद है कि विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को बेहतर डिजिटल पहुँच प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाए जाएँगे।